Aвнısнєk   (Mr.अßhï)
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Joined 24 March 2018


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27 SEP 2023 AT 2:51

उस शाम फिर एक मुज्दा घर आता है
उम्मीदों का महल खून से भर जाता है

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25 SEP 2023 AT 16:51

कहाँ अच्छी है अब खबरें अख़बारों में
न ही अच्छा कोई इश्तेहार नज़र आता है

वाहियात हो गई है लोगों की सोच यह पर
न ही ख़ुशियों का कोई सार नज़र आता है

कैसे बचाए खुद को दुनिया की नज़रों से
लहू से लिपटा सारा संसार नज़र आता है

इंसानों की कीमत लगती है जहाँ बाज़ारों में
बहुत अजीब सा ये कारोबार नज़र आता है

चंद रुपयों में भी बिकता है जिस्म यहाँ पर
सारा शहर हवस का शिकार नज़र आता है

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21 SEP 2023 AT 2:40

मेरे ये ऐब बुरे और तेरा गुमा अच्छा है
हां तू अच्छी और सारा जहां अच्छा है

नज़ाकत नाज़ या इबादत और गुनाह
नशा इश्क है फिर भी ज़बां अच्छा है

शुक्र पर्दे का जिसने हया को संभाला
वगर्ना हुस्न छोड़ कुछ कहा अच्छा है

न हसरत वफा न इदायत महबूब का
कत्ल जज्बातों का ये गुनाह अच्छा है

हार कर पूछे मुझसे #Abhi कैसे हो
मुस्कुरा कर कह दूं ये अदा अच्छा है

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29 AUG 2023 AT 1:20

अब तो वो कमबख्त रह रह कर मुझे याद करता है
न जाने वो पागल क्यों अपना समय बर्बाद करता है

कह दो उसे जिसे वो ढूंढ रहा है अब मैं वो नही रहा
मेरे पास आ कर ही वो क्यों मेरी फरियाद करता है

वो सब कुछ झूट था या सच ये तो अब खुदा ही जाने
मुझसे वफा की उम्मीद कैसे वो ना-मुराद करता है

मजाक में ही सही खुद को आशिक़-मिजाज़ कहा था
पर अब तो वो आशिक़ी सब से ही मेरे बाद करता है

हर वक्त जो मुझे इश्क करने के सलीके सिखाता था
अब वो तो इश्क़ के नाम पर ही आतंकवाद करता है

ऐसा नहीं है की कत्ल करने का इल्जाम है उस पर
लेकिन जिंदा मारने का काम वो जल्लाद करता है

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22 AUG 2023 AT 0:55

अरे कौन कहता है कि दुआए मुकम्मल नहीं होती...
अब कुछ दुआए तो उसके बाप की भी रही होगी...

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22 AUG 2023 AT 0:47

वो सोचता होगा की मेरी तरफ से क्यों अब कोई फरियाद नही आता...
बस मैं मैं और सिर्फ मैं ही हूं मुझसे न पहले या कोई बाद नही आता...
न जाने किस कदर मशरूफ कर लिया खुद को इन बेवजह से कामों में...
अब तो याद करने की कोसिस भी करता हूं तो वो याद नही आता...

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2 NOV 2022 AT 0:03

मेरे इश्क़ का तुझ पर अब कुछ ऐसा असर होगा
मर हम पहले जाएंगे पर तुम्हे बाद में ख़बर होगा

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1 NOV 2022 AT 23:32

इसलिए नही करता मैं अब बात मोहब्बत की...

जब मैं किसी एक का कभी हो ही नहीं पाया अच्छे से...
तो मेरे ज़ुबान पर अच्छी कैसे लगेगी बात मोहब्बत की...

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18 FEB 2022 AT 23:57

उनके पूछे हर सवालों का जवाब है मेरे पास
उन तमाम गुस्ताखियों का हिसाब है मेरे पास

कहाँ तक मुनासिब इन सब से छुटकारा पाना
अब तो ग़मो का भरा हुआ तालाब है मेरे पास

अब तो खुद की ज़िंदगी भी थूकती है मुझपर
क्या करें किस्मत ही इतनी खराब है मेरे पास

उनसे मिले हर ज़ख़्म तो पुराने होते नही अब
यहाँ पर दर्द भी अब तो बे-हिसाब है मेरे पास

किसी को भूल जाए #Abhi ये बस में नही है
उनकी कुछ यादें भी अब नायाब है मेरे पास

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11 JAN 2022 AT 22:13

देखे मुझे लोग सितम करते हुए पर कहा न करे
मैं हूँ ही इतना बुरा की मेरे साथ कोई वफ़ा न करे

मैं क्यों वक़्त ज़ाया करू चार दिन की यारी पर
रास न आए दोस्ती तो मेरे साथ कोई रहा न करे

हाँ अब मैं तन्हा ही सही इन मतलबी लोगों से परे
बस छेड़ कर जज़्बात को मुझसे कोई मज़ा न करे

मेरी फ़ितरत नही है वक़्त वक़्त पर यार बदलना
मोहब्बत हो तो मुकम्मल हो पर कोई जुदा न करे

अब मुझे कोई पसंद आए ये तो मेरी पसंद है न
किसी को मुझसे इश्क़ हो ऐसा कभी ख़ुदा न करे

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