Teri ye surmai aankhe kare hai mujhko diwana
Tu jalti hai koi sama mare tujhpe ye parwana
Chupaau na yiu chehre ko zara saamne aau
Muhabbat ka irada hai to fir kaisa ye sarmana-
212 212 22 22
सुरमई शाम देखो आई है
बादलों की बजी शहनाई है।
देख काली घटा ये लगता है
ज़ुल्फ़ महबूब की लहराई है।
रात दिन सोचता ही रहता हूँ
वो हक़ीक़त नहीं परछाई है।
दिल नहीं मानता मिल ले जाना
किसलिए बेवजह शरमाई है।
तू नहीं पास मेरे होती जब
सिर्फ़ रहती मिरी तन्हाई है।
लिख "रिया" खोल कर दिल को अपने
हर तरफ हो रही रुसवाई है।-
जीने की वज़ह दे दे
सुरमई तेरी अँखियों मे मुझको जगह दे दे
छोटी ही सही पर जीने की वज़ह दे दे
ना माँगू मे रिहाई इन नज़रो की केद से
पलकों की सलाखों के पीछे
उम्र भर की सज़ा दे दे
ना माँगु वक्त मे ना माँगु कोई कसम
बस यादों मे अपनी तू मुझको पनाह दे दे
जुदा होना ना हो ना यो तो मुकद्दर की बात है
कभी तो साथ मेरा तु भी बेवज़ह दे दे
सुरमई तेरी अँखियों मे मुझको जगह दे दे......
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Baatein chupa rhi thi sabse....
Wo khe diye uske aankhon ke surme ne ,
Dundha sukoon hawaaon mein..
To keh diya usne bhi sabse....
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सुरमई शाम के आते ही तेरी
याद चली आई है,,,,
आ भी जाओ के अब ये दिल
तेरा शैदाई है,,,,
सुरमई शाम........
कैसे कह दूँ के तेरे बग़ैर जिया
मेरा उदास नहीं,,,,,,
कैसे कह दूँ...? तुम्ही बताओ
ज़रा,,,,,
सुरमई शाम के आते ही तेरी
याद चली आई है,,,,
बैठ कर किनारे पे समंदर के
ओ जाने वफ़ा,,,,,
ज़ेहन में मेरे तेरी तस्वीर उभर
आई है,,,,
सुरमई शाम......
मेरे इस दिल में मेरे इस दिल
में मेरे इस दिल में,,,,
ना जाने कैसी- कैसी उमंगों
ने ली अंगड़ाई है !
सुरमई शाम के आते ही तेरी
याद चली आई है,,,,
सुरमई शाम !
अनु #शफ़क़✒️
14/08/2019.-
Ladki surmai raat si
Kori kitaab ke panno pe
Ujale rang ki chaap si
Hai wo ladki surmai raat si
Wo Ghulti thand me taap si
Ho Adhera ya Khamosh pal to
Lage Roshanadaan ke sureele raag si
Hai wo ladki surmai raat si
Jaise isha me khwaish ho
acche palo ko shuruwat ki...
Wo pighalte mom si duniya me
Chamakte lau ki aag si,
Baadalo ke beech se
Meethi dhoop ki kiran si jhaankati,
Wo hr swaroop me dikshita si,
Kori kitaab ke panno pe
Ujale rang ki chaap si
Hai wo ladki surmai raat si-
सुरमई शाम ने ली, फिर
से, अँगड़ाई है...........,
तेरी याद सताने, फिर से,
चली आई है !!
बैठे हैं कब से, तेरा ही,
तसव्वुर-ए-जाना किए
हुए....................,
लेकिन तूने तो, जैसे ना,
आने की ही, कसम खाई
है !!
अरुणिमा #शफ़क़✒️
08/06/2020.-
कोरी किताब के पन्नों पे
उजले रंग के चाप सी,
है वो लड़की सुरमई रात सी,
वो घुलती ठण्ड में ताप सी,
हो अंधेरे के खामोश पल तो
लगे रोशनदान के सुरीले राग सी,
जैसे ईशा में मन्नत हो
अच्छे पलों की शुरुआत की
है वो लड़की सुरमई रात सी,
वो पिघत्ले मोम सी दुनिया में
चमकती लौ की आग सी,
जैसे बदलो के बीच से
मीठी धूप की किरण हो झाँकती,
वो हर गुण-स्वरूप में दीक्षिता सी
कोरी किताब के पन्नों पे
उजले रंग के चाप सी,
है वो लड़की सुरमई रात सी..।।-
Surmai jaisi kaali h ye teri yaaden
Naa zindgi me ujala hone deti h
Na tere ane ki ummid ko bhujne deti h-