आप ही से मुख़ातिब हूँ
किसी और से नहीं,
जाँ सदक़े है आप ही पे
किसी और पे नहीं !!
क्यूँ समझ के भी आप
समझते नहीं हैं ??
दिल आप ही को दिया है
किसी और को नहीं !!
अरूणिमा #शफक़✒️
12/09/2020.-
वो मोहब्बत भला कैसी
जो दुआ बन के लब पे
ना आ जाए ?!
वो इश्क़ भला कैसा जिसमें
रब से पहले सनम का नाम
लब पे ना आ जाए ?!
अरूणिमा #शफक़✒️
13/09/2020.-
सारा सब्र-ओ-क़रार
छीन के,,,,,
वो कहते हैं के बेक़रार
ना हो...................!
जान भी लेते हैं और
चाहते हैं,,,,
की उनपे क़त्ल का कोई
इल्ज़ाम ना हो..........!
अरूणिमा #शफ़क़✒️
13/09/2018.-
पूछा जो मौत ने
ज़िन्दगी से एक दिन...
करते हैं आख़िर लोग
तुझसे इतना प्यार क्यूँ ?
हँस के बोली ज़िन्दगी...
क्यूँ कि तू है एक कड़वी
सच्चाई !
और मैं एक मीठा सा
ख़्वाब हूँ !!
अरूणिमा #शफ़क़✒️
13/09/2019.-
कुछ वक़्त ने कुछ हालात
ने तजुर्बे ऐसे दिए की,
देख लेते हैं अब बड़े गौर से
किसी के घर में घुसने से
पहले ही !
की दर ओ दीवार पत्थर के
बने हैं या भट्टी में पके ईंटों
के यारों ?!
अरूणिमा #शफक़✒️
12/09/2017.-
समेट लूँ सारी उसकी साँसों
की महक अपने बदन में..
हो जाये वो वाबस्ता बन के
महक मेरे बदन में,
महका करूँ दिन-रात मैं बन
के चमन उसकी ही महक में !!
अरूणिमा #शफ़क़✒️
12/09/2018.-
वो रौशनाई वो कलम वो
कागज़ मैं भला कहाँ से
लाऊँ.......?
जो समेट के मेरे सारे दर्द
ओ ग़म खुद में जज़्ब कर
ले...........!
अरूणिमा #शफ़क़✒️
12/09/2019.-
ज़िन्दगी! लोग कहते हैं कि
तू बहुत खूबसूरत है✨
मुझे तो तू बड़ी बेज़ार सी
नज़र आती है🍂
क्यूँ मुझे मेरे पैरों में ज़ंजीर
होने का गुमाँ होता है⛓️
मुझे तो उड़ना था बागों में
तितलिओं की तरह🦋
और भिगो देना था अपने
आप को फूलों के रंग-ओ
-बू से🌺
पर ऐसा हो ना सका! क्यूँ
ऐसा हो ना सका...?!
अरूणिमा #शफ़क़✒️
11/09/2017.-
वक़्त की धुंन्द में मैनें रिश्तों
को खोते हुए देखा है,
लम्हा-लम्हा रिश्तों को रिसते
हुए देखा है।।
करीब होने भर से कोई किसी
के करीब नहीं होता,
दूरियों में मैनें रिश्तों को इक
दूजे के करीब देखा है।।
अरूणिमा #शफ़क़✒️
10/09/2019.-
ना जानें कितनें ज़ख़्म दिल
के दिल में ही पिघल जाते हैं,
अश्क़ जब बेहते नहीं आँखों
में ही ठहर जाते हैं ।।
कुछ कहते नहीं किसी से बन के
नासूर दिल में ही उतर जाते हैं,
ना जानें कितनें ज़ख़्म दिल के
दिल में ही पिघल जाते हैं।।
अरूणिमा #शफ़क़✒️
10/09/2018.-