ऐ कांची 🐦   (ज्योति k)
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Dob.. 23rd October.. 🎂
Joined 17 October 2020


Dob.. 23rd October.. 🎂
Joined 17 October 2020

Aa jao saare 😋

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सारी बातें तो पन्नों पे उतारी नहीं जाती है ...
कुछ कहानियां अनकही ही रह जाती है ...

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ढलती शाम की तरह
एक दिन हम भी ढल जाएंगे ...
तो क्या फिर तुम्हारी चाहत के
सिलसिले भी थम जाएंगे ...

मौसम पतझड़ के
बिन बुलाए चले आएंगे ..
तो क्या फिर तुम बन के
सावन कहीं और चले आएंगे ...

ये दिल तो बस
धड़कना जाने है ...
तो क्या फिर तुम
धड़कनों का भी हिसाब लगाएंगे ...

मैं ठहर जाऊंगी कभी
इंतेज़ार में तेरे ...
तो क्या तुम मेरे
ज़हन से गुजर जाएंगे ...


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YESTERDAY AT 7:03

अब इतना भी याद ना किया करो
थोड़ा उम्र का तो ख्याल किया करो ..
ये हिचकियां अब हमसे संभालती नहीं ...
थोड़ा चैन ओ आराम दिया करो ...

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आहा..!!,,, तुम गुलाब संग झुमके भी ले आऐ ...
अब चलो ना हम तुम इन हसीं वादियों में कहीं खो जाएं ...

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हे प्रिय ..!!
सात फेरों के सात वचन तुम निभाना
जिम्मेदारी हूं मैं तुम्हारी मेरे सारे नाजो नखरे तुम उठाना ...

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कुछ ऐसे हो ...
दिल धड़के इधर तो दिल में उसके भी हरकत हो ...

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बेवजह ही मुस्कुराती
लड़कियां ...
लहरों सी चंचल ..
बहुत भावुक भी होती है ..
नियंत्रण नहीं होता खुद पर
जैसे छोटी छोटी बातों पे
हंस देती है वैसे छोटी छोटी
बातों पे रो भी पड़ती है ...
बस वो ज़्यादा देर उदास
नहीं हो पाती ...
मुस्कुरा ही जाती है ...
और खास
बात ये भी कि इनको कोई
उदास देख भी नहीं पाता ...

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हद है फिर गुलाब ...
बात झुमके की हुई थी ...🙄

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इत्ती दिलकश है ये मुस्कुराहट तो
कि गर किसी के ज़हन से गुजर जाए
तो एक बार के लिए तो वो भी मुस्कुरा जाए ....😁

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