SABB LOG
PYAAR AUR JISM KO
DHOONDHNE
NAHII NIKALTE
KUCH LOG SOOKOON
DHOONDHNE BHI
YAHAA AAYE HAI-
Har waqt koi sath rahe ye jaruri toh nahi..
Kabhi kabhi kuch waqt ki dooriyaan bhi sukoon deti hai..💔-
ख्वाब, ख्वाब ही रह गया,
सपना, सपना ही रह गया...!
एक लम्हा, जो गुजरता था सुकून से,
वो लम्हा भी, एक "लम्हा" ही रह गया...!!-
Jahan sukoon bas wahin basera
Zid Kahan chalti hai koi...
जहांँ सुकून बस वहीं बसेरा
ज़िद कहां चलती है कोई...
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वो इश्क़ से इश्क़ की शिकायत कर रहे थे
चलो छोड़ो, कौन सा खुदा की इबादत कर रहे थे-
तलाश थी सुकून की, तो अकेले में रो लिए
लिया शीशा निहारा ख़ुदको, फिर ज़ोर से हँस लिए-
Mohabbat sukoon se karna chahta hu
Jism se nahi rooh se karna chahta hu-
अक्सर रातों को सुकून ढूंढती फिरती हूं.....
करबटे बदलकर, थोड़ी देर चलकर..
चांद का दीदार करके,दिन को याद करके।
खामोशी की वजह सोचकर,यादों की पोटली खोलकर..
मन कि बाते सुनती रहती हूं।।
अक्सर रातों को सुकून ढूंढती फिरती हूं.....
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'सुकून' की भी तलाश हैं, और 'मौत' से भी डरते हैं,
हम 'इंसान' भी देखो, ये कैसी बातें करते हैं...?-