Pandemic 😷
After 5 score year, we are in the stage
Where we bound to live in a cage.
If, someone shows carelessness with their life
Then, they come in the contact of pandemic lite.
Beyond the fear, doctors are the one who fight to protect us
Scientists are doing their best to invent the vaccine to protect.
Now, it's our responsibility to fight for ourselves
Be antisocial, wash hands every hr, avoid to go in busy places and so on.
These are the ways through which we can live our life in a long way.-
Think positive
Train your mind to see positive things in every situations
Forgive everyone because you can not hold grudges it will only reduce your productivity not their
At this stage you only afford to stay strong to achieve your goals...-
कल से तुमको देखा है,तुम आंँख पसारे बैठी हो
कुछ ढूंढ रही खोया तिनका,या खो जाने से डरती हो।
कुछ कहना है या मौन धरे,नित आकाश निहार रही
ना फूटेगा दर्द प्रवाह,क्यों बादल को ललकार रही।
ज्येष्ठ की भीषण गर्मी में,तुम अश्रु की चादर ओढ़ी हो
ह्रदय का पूरा दर्द भरे,तुम कसकर मुट्ठी भींची हो।
आंँखों की कजरी भी अब,सूखे पतझड़ की धार हुई
तुम कहती थी जिसे मधुर,क्या वहीं तुम्हारी हार हुई?-
A player is not called as weak ..
Unless, he is confronted by a player stronger than him ...-
अब जिंदगी में कुछ हो जाए, पर हिम्मत नहीं हारेगी...
जितना चाहे तोड़ ले जिंदगी, पर तोड़ नहीं पायेगी...-
हजार कोशिशें कर लो, मुझे रोक नहीं पाओगे |
ताने मार लो, या मुश्किलें खड़ी कर लो मुझे तोड़ नहीं पाओगे |-
होंठों पर जो मुस्कुराहट बनकर झूमती ,जिसे सब
मानते अपने जीवन का एक अनमोल हिस्सा ।
इंद्रधनुष की भांति एक क्षण में जो प्रेम का रंग
बिखेर दे चहुं- दिशाओं में नाम उसका दिशा।-
एक औरत को मर्द से कम मत आंकना
उसके अंदर की शक्ति को कम मत भांपना ।
वो ! ऊपर से कोमल
तो , अंदर से सख्त़ भी है
अपनों के वास्ते कभी कर्मठ - कभी निष्ठुर भी है ।
वो ! हथियार डालती है
तो उठा भी सकती है
अपने अंदर छिपी प्रचंडता को ,
वक्त पर निखार भी सकती है ।
वो ! बस साज़ और श्रृंगार नहीं
कभी धधकती आग तो - कभी चिंगारियां बेमिसाल है।
कभी गृहणी - तो कभी पहरेदार भी है
धूप और छांव के अनुसार ,
वो बदलती अपनी स्वभाव भी हैं ।
कभी दिखती खुली किताब
तो , एक पहेली की खिताब भी है
औरत एक नाज़नीं ,
वो ! कभी खूंखार हथियार भी हैं।
-Mohini ✍️
-
सहमा सा है दिल,हर तरफ से,
डर का माहौल लग रहा है
घर की चादीवारी हो
या खुला आसमां,
कहीं नहीं महफूज़ लग रहा है
पहले जितना धूप की लपटें या,
ठंडी हवा के झोंके में,
चैन की सांस लेते थे
तो वहीं आज इस वातावरण,
इस मास्क से दम घुट रहा है।।😷-