बस एक पन्ने पे ही लिखी थी कहानी और
बाकी सारे पन्ने खाली छोड़ के चले गये।
भाई का दुलार छोड़ा ,घर परिवार छोड़ा ,
बहन की राखी को भी तोड़ के चले गये।
दिखा नहीं प्यार तुम्हें उस बूढ़े बाप का भी
सब से तो जैसे मुह मोड़ के चले गये।
जैसे ही आवाज़ दी माँ भारती नें तुमको तो
छोड़ सगी माँ को तुम दौड़ के के चले गये।।
✍️राधा_राठौर♂
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