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Kaun kahta hai ki raaston ki dooree badhne se pyaar sirf ghat'ta hai,
Ab mujhe aur mere mahadev ko hi dekh lo din prati din pyaar sirf badhta hai...-
इश्क़ होता गया, आशिक़ खोता गया।
प्यार में पड़कर के फिर वो रोता गया।
खुली आँखों से वी "पागल" रात दिन।
प्यार के सुंदर सपने से संजोता गया।
कल तक वो एक बस उसका ही था।
और फिर किसी और का होता गया।
बाद में उसका इश्क़ बोझ बन गया।
वो इस बोझ का ताउम्र "ढोता" गया।
बड़ी छोटी सी थी ये ज़िंदगी उसकी।
पर इसको वो हर पल "खोता" गया।
चार दिन में "दो दिन ख़ुश रहा" होगा।
बाकी बची ज़िंदगी बस "रोता" गया।
एक झलक बस उसको देखा "अभि"।
बस उससे हर एक पल प्यार होता गया।-
बिल्वपत्रादि से जो हो सुसज्जित
दुर्बा पुष्पों से जो हो अलंकृत
भांग धतूरा जिनका प्रिय पेय
ऐसे काशीपुराधिपति को कोटिशः प्रणाम
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गुरु को शब्दो मे बया कैसे करूँ,
मेरी आँखों मे ज्ञान की चमक उन्ही से मिली है।
🙏🙏-
अन्तर मन की व्यथा
बोलो कब सुलझाओगे ?
क्षितिज के पार मैं आऊँ
क्या तुम दिख जाओगे ?
सागर पार अगर मैं आऊं
क्या तुम मिलने आओगे ?
मैं पथ से भटका मुसाफ़िर
आकर राह दिखाओगे ?
प्यासे नैना तरस रहे
शिव तुम कब
दरस दिखाओगे ?
शिवोहम कर जाओगे-
तुमसे प्रेम है, इसीलिये तुम्हें पाना है
और कोई नहीं चाहत, तुम्हारे क़रीब आना है
शिवमय हो जाना है... शिवोहम... शिवोहम-
Kya vishvas krna gairo per
Jab apne hi bewafa nikle,
Gairo ka dhoka derd deta hai
Apno ka tor deta hai
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नश्वर शरीर लिये
मैं कित कित डोल रहा
खुद को ईश्वर समझ
आडम्बर घोल रहा
व्यथाओं से विचलित हो
क्या क्या बोल रहा
क्यूं इस मिथ्या संसार में
इत उत डोल रहा
समझ आयी जब इस मिथ्या की
मैं ध्यान मग्न हुआ
शिव में रम शिव हो
मैं शिव शिव बोल रहा-
की तेरा नाम कभी बेमतलब नहीं लिया मैने, पर तेरे इरादों पे कभी शक नहीं किया मैने,
बड़ा भोला है तू मेरे भंडारी,हर छोटी सी बात मेरी मानी,
अगर तूने ये वक़्त दिया है तो इसमें भी कोई कहानी है, तेरे हर आदेश को मुझे अपने सर उठाना है,
तेरी भक्ति में अब मुझे भोले तेरा नाम गुदवाना है-