अपनी तो बस इतनी सी ही कहानी है...
लाडला हूँ मैं उनका, जिनकी दुनिया दिवानी है...!
बम बम भोले-
नमन है उस शेरनी को जिसने एक शावक को जन्म दिया था....
बचपन से अपने संस्कारों से उस शावक को एक काबिल शेर बनाया था....
अपने संस्कारों का बूना था उस मां ने कुछ ऐसा जाल....
की उस शेर के सामने फिर ना टिक पायी भारत मां के उप्पर नज़र डालने वाले किसी की भी कोई चाल.....
क्या तेज़ रहा होगा उस शेर की आंखो मे की जहां भी जाता वाहके शेरो का मन उसके तरफ़ आकर्षित हो जाता....
बना लियी थी अपने साथ कुछ ऐसे हुनहार ज़िंदादिल शेरों की टोली....
जिनके रगो मे हर वक्त दौड़ते रहती थी बस एक ही बात की बोली, की भरनी है सम्पूर्ण स्वराज से भारत मां की झोली....
क्या ख़ूब हुनर था उस शेर में अपने हर एक साथी के साथ मिलकर राज़ करने का....
कायल हो जाता था इनका हर एक साथी मातृभूमि के सेवा में इनके एक इशारे पर अपनी जान न्योछावर करने का....
बड़ी निडर थी इस शुर पराक्रमी वीर शेर की टोली....
की हिम्मत ना होती थी किसी भी बाहरी ताकत की भारत मां के उप्पर आंख डालने की भी थोड़ी....
बड़ी कृपा थी मां भवानी और मां जिजाऊ की इस शेर पे और उन सभी साथी शेरो पे....
और उन्हीं के आशीर्वाद से लहराए थे इन शेरो ने
🚩भगवे🚩 मुघल सलतनतो को घुटनों पे लाके
मातृभूमि के मिट्ठी पे....
मातृभूमि के मिट्ठी पे....
मातृभूमि के मिट्ठी पे....
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वो जो शांत है वैरागी, संत है सुखद है
हां वो शिव है
वो जो सब है जिस से सृष्टि का आधार है, संसार है
हां वो शिव हैं
वो जो रुद्र है न्याय, सत्य है तांडव है
हांँ वो शिव है
वो जो विचित्र है, प्रेतों का भी प्रिय है,श्मशान का निवासी है
हाँ वो शिव है
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जिस के तांडव से हिलता धरती,आकाश और पाताल है
वो भक्तों का भोला और पापीयों का महाकाल है-
उम्मीद का दरिया हो
सब्र का बाँध हो
हर मंज़िल मिल ही जाएगी,
अगर शिव का साथ हो !!-
आपने थाम लिया जो मेरा हाथ
अब नही चाहिए किसी और का साथ
हे शिव भोले, हे मेरे भोलेनाथ,
छोड़ना ना मुझे अकेला, अब कभी आप !!
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वह पूजे है शिव को
मैं हरी भक्ति में लीन प्रिये
जाता वो शिवालय
मेरा घर मंदिर सब एक प्रिये
मातृहिन पितृहिन अजन्मा उसका स्वामी है
मेरा बंसी वाला मनमोहक पालनहारी है
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बन जाऊंगी मैं, पार्वती;
तू 'शिव' बन तो सही।
मैं भी हो जाऊंगी,
तेरे प्रेम में जोगन;
तू वैरागी बन तो सही।।-