बातें खूबसूरत थीं, और सूरत भी लाजवाब थी। नशे में चूर हो गया, आँखें उसकी शराब थी।। चलो अच्छा हुआ, जो नशा उतर गया उसका। अच्छी तो बहुत थी, पर सेहत के लिए खराब थी।।
अब चाहे वो दिल के मेरे पास है, या नज़रों से दूर है, चाहे बड़ा मगरूर है या हालतों से वो, कुछ मज़बूर है, हमें 'शराबी' बनाने मे बस एक, उनका ही हाथ है यारों, कुछ उनके 'बेचैनियों' का तो कुछ 'निगाहों' का कसूर है..