मुद्दते गुज़री , दिल के रास्ते हसीं को आए ।
कहीं कुछ संभले , तो कहीं कुछ बिखर जाए ।
झूठी तसल्ली , ख़ुद को कब तक दिलाए।
ख़त्म करदे , इस सफ़र को जी में आए ।
फ़िर , नज़र नन्हें पोधे पे जाए ।
बीते वक्त का जनाजा न निकाले ।
कितनी मर्तबा रोंधे जाए ,
बावजूद, नई कहानी बनाए ।
ख़ुश नुमाइश पहचाने ,
उससे तरक्की सजाए ।
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जब एक अंकुर फूटता है
तो पीछे बहुत कुछ छूटता है
संकीर्ण मान्यताएँ , संकुचित दृष्टिकोण…
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(Topic : Doubt)
A seedling of doubt
That's what she grew.
His negligence watered
And the barren it drew.
It spread with touch
Everyone knew.
Few could escape
And to few, it drew.-
We all are Seed
One thing we Need
We need someone to Feed
Make yourself to lead-
When I was younger,
I have sown my seed of
Thought In the emptiness,
Now, it has grown with
Many branches
&
busy In showing its
Relevance craziness.-
जीवन बीज
आज़ादी क्या पँखों की होती है , पैरो की नहीं ।
आसमाँ पाने की चाहत है , या धरती से दूर चले जाना है क्या ?
किसी के प्यार में पड़ जाना है , या अपने को भूलना है क्या ?
सुंदरता ,सुगंध , मधुरता का आकर्षण होना फिर से जीवन बीज बनाना है क्या ?
या प्यास है तभी पानी है क्या !
उलझने है ,अँधेरा है क्या ? गुस्सा है दूर चले जाना है क्या ?
यादें है , फिर ख्बाब में नया रंग भरना है क्या ?
आँसू है , लौट आना है क्या ?
रंग है रोशनी है जीवन को सतरंगी इंद्रधनुष सा सजाना है क्या ?
तुम्हें अपना बनाना है , तुम्हारे लिये जीना है क्या ?
या अपने अंहकार को हटाना है क्या ???-