Waqt ke sath chalna sikha
Gir ke fir sambhalna sikha
Har mod per rishte khoye
Akele fir mai jeena sikha
Kudh se kudh ko jodna sikha
Himat se agge badna sikha
Toot ke bhi hazaro barr
Yu kabhi na bikharna sikha-
8 JAN 2022 AT 16:07
8 NOV 2018 AT 8:11
मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूँ हैं-
6 AUG 2019 AT 17:45
बहुत बिखर गए हो !
तुम्हें सँभाल लूँ ?
कहो तो ,
या मैं खुद अपना हाथ दूँ ।
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19 SEP 2019 AT 18:51
जनाब, जो इतना हसीन बनके आओगे
हम सँभलते रह जाएंँगे
तुम फ़िरसे फिसलाओगे
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26 JUL 2019 AT 9:34
अब टूटे तो संभल सके...
ऐसा हुनर नहीं रखते...
हम दिलदार हुए तो क्या हुआ...
पर अब दिल नहीं रखते...-
6 MAY 2020 AT 23:34
कल मेरे आँसुओं का ना कोई ठिकाना होगा ,
कल उनके शहर में हमारा जाना होगा ,
मुश्किल बड़ा खुद को संभालना होगा..!!!!
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24 MAY 2020 AT 1:31
बेशक,
दर्द और ठोकरें,
तो जिन्दगी दे रही है,
पर संभालना तो,
अपने आप को,
खुद ही पड़ता है..!!!-
16 OCT 2021 AT 21:01
रिश्तों में नाराज होना तो
एक अहम हिस्सा हो गया
फिर क्यों किसी को रूठना
मनाना लगा हैं या तो ख़ुद
मान जाओ या फिर खुद
समझ कर संभल जाओ...
♥️🖤♥️-