सफ़र बेदारी का अब ख्वाबों की
सरहद पे आके यहाँ ख़त्म होता है ...
इस उम्मीद के साथ कि वो अब ख़ुद
आकर मिले जो मुझमें हर वक्त रहता है ..
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हम तन्हा ही ठीक है ..!
अब तुम कोशिश ना करना दिल में जगह बनाने के लिए...!
जो तुमने मुस्कुरा कर दिल तोड़ा है ...!
वहीं मुस्कान के लिए आज हमने भी तुम्हें छोरा है ..!
!....बस तुम खुश रहो ये दुआ है ...!
💓💓 मेरा सफर अब तुमसे बहुत जुदा है 💓💓
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सफ़र में....
ठहरे भी तो कैसे मेरी सांसों की डोरी को वो ही धड़का रही थी
मंज़िल की तलाश में जिंदगी भागती-दौड़ती बस चले जा रही थी
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जिंदगी के सफर मे ,आज मेरे साथ चल ।
मत सोच आगे ,क्या होगा कल ।।
ACN.....-
और ऐसे कट गया इक जीवन सफर !!
फासले थे तो रास्ते बने !
रास्ते बने तो होंसले मिले !
होंसले मिले तो पंख उगे !
पंख उगे तो उड़ान भरी !
उड़ान भरी तो आकाश मिला!
आकाश मिला तो लक्ष्य सधा! लक्ष्य सधा तो मंज़िल मिली !
मंज़िल मिली तो ख्याति मिली !
ख्याति मिली तो अहं जगा !
अहं जगा तो फासले बने !
फासले बने तो ..
फिर रास्ते बने !!
और ऐसे कट गया इक जीवन सफर !!-
Mat Bana Na Kishe Ko Manzil Ke Humsafer..
Chod Gaye Bich Saferme To Ae Manzil Katna Muskhil Ho Jayega..-
हर बार जिंदगी हर मोड़ पर मुड़ती नहीं है साहब !
ये तो आप पर निर्भर है की आप को जाना किधर है।-
बात जब तेरी आती है तो
छोटे से छोटी बात भी मेरे लिए
एक बड़ा मुद्दा बन जाती है-
रेत की तरह उड़ती रही
यहाँ से वहाँ बिखरती रही।
कभी इस राह तो
कभी उस मोड़ पर
कभी मैदान तो
कभी पहाड़ पर।
इधर से उधर होती रही।
ये जिंदगी भी पता नही
कभी एक जगह ठहरी नही।
ना रहा आँशियाँ इसका कहीं
न रहा पता, इसका कोई।
बस जिंदगी है चल रही
यहाँ से वहाँ बँजारों सी
इस लहर से किनारों सी।
क्या पता रुक जाए कब
क्या पता ये ठहर जाए कब।
बस हर लय के साथ बहती रही
हर शय में सँभलती रही।
जिस दिन ये रुक गई
बस समझों की अब थक गई।-