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जो जब जहां और जैसे
छूटना होता है
छूट ही जाता है....
अब चाहे वो
रिश्ता हो या साँसे !!-
" तमाम हसरतें यूं भी तमाम हुई
मिलकर भी ना मिली उससे
फ़िर भी बदनाम हुई ,,
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थम जाओ ज़रा इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में,
ख़ुद को पाने के लिए खो जाना ज़रूरी है।-
ज्यादा स्ट्रेस लेने की जरूरत नहीं है दोस्तों
टेंशन तो हर दूसरे दिन मूंह उठाकर चली आती है
बस ख़ुश रहने की वजह हमें ही ढूंढ लेनी चाहिए..!-
पढ़-पढ़ कर बटोरा है अल्फ़ाज़ो को
लिख - लिख छलकाया है एहसासों को
मेरी कलम की सोच कुछ भी नहीं थी
तेरी रहमत ने बरसाया है तारीफ़ों की बरसात को
ऐ खुदा ज़मीं से जोड़े रखना…..
मुझे कभी उड़ने न देना….
तेरी रहमत की बरसात से होगी
मेरी रूह की मिट्टी गिली…….
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फिर बैठी थी ऐसी किनारे पर
अपनी वाली लहर का इंतज़ार था
हवा ने छूकर कहा मुस्कुराकर
वो आने वाला भी बेकरार था-
ना जाने क्यों करार सा आने लगा है,
तुमसे हुई मोहब्बत जब से,
मोहब्बत पर ऐतबार सा छाने लगा है,
बरसो से थे शायद,
इस मोहब्बत के इन्तेज़ार में,
अब इन्तेज़ार में भी मजा आने लगा है।-