कैसी भी रात हो आना तो मुमकिन था तुम्हारा...
मेरी हमसफ़र है वो किसी उजाले की मोहताज नहीं...❤️-
कौन कहता है की अँधेरे को छटने में वक़्त लगता है
रौशनी की एक किरन ही काफी है उस अन्धेरा का वजूद धुंधला करने के लिए-
और वो शर्मीली लडकी
अब बेझिझक
बिना शर्म के
लिखती है खुलकर
आखिर कागज को कहाँ खबर है
स्याही मे भरे हुए शब्द
सब उसके चरित्र ने गढे है
वो रंग वो छंद
कविता का हर एक अंग
खुद जो रचती है
हाँ वो चंद्र की उपासना करती है
वो जो हर रात को आसमान से बात करती है
वो जो लोगो के खामोश होंटो के नीचे की बात पढती है
वो जो औरों के मन के दर्दों को भी समझती है वो जो गिर कर उठती है तो समुद्र मे भी लहरे उमंग की उठने लगती है
वो रोशनी है खुद मे ही
और उसके लेखन मे प्रकाश है निहित-
Tumhara pyaar hi ibadat hai meri muhabbat ka.....!!!!
Kash tum samajh pate.....
Tumhara tassavur hi meri muhabbat ka aagaz hai...!!!!
Kash tum samajh pate.....
Jinda to hu per aisa lagta hai jaise saans meri per dhadkan tumhari...
Meri zindagi tumhare bina adhoori hai..Jaise phool khushboo k bina,suraj roshni k bina, tare aasmaan k bina yaa yun kaho....!!!!
ye dil tumhare bin dhadkna bhool chuka hai....!!!!
kash tum samajh pate.....-
मौसम बदले बहारे बदली
मगर कुछ न बदला तो वो
चाँद और उसकी चांदनी
कभी नाराज होती चांदनी
तो झट से मनाया करता चाँद
एक पल भी ना दूर रहते
एक दूसरे के बिना....
चाँद प्यार तो चांदनी एहसास
रहे हमेशा एक दूसरे के साथ
जन्मो जन्म ना हो कभी जुदा
इतना प्यार दोनों में हो रूहानी
बस इतनी सी दास्तान है सुनानी
आज भी मन मोह लेती है
उनके प्यार की रवानी
आज भी जानते है लोग
उनकी कहानी जबानी
इसलिए चाँद से दोस्ती पुरानी.....
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यूं तो हर कदम तीरगी मिली
पकड़ा जो माँ का हाथ तो ज़िन्दगी मिली
सूरज चाँद चांदनी सब धरे के धरे रह गए
माँ ने आँखे खोली तो रोशनी मिली-
आज तक ज़िन्दगी का,
हर एक मसला सुलझ गया है,
जब भी बात आयी! इंसान के
"चेहरे के ऊपर का चेहरा"
पहचानने की, यारो!
यहाँ पर हर कोई उलझ गया है।-
क्यों होते है परेशान क्यूं ढूड़ते हो चारो और
इतना भी दूर नहीं है आपसे आपका दिल का चोर
special line👉सोना और जागना प्यार की निशानी है
जल्दी से पकड़ को उस
वरना सोते ही निकाल जानी यह जवानी है😜😜😜
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दबी-दबी सी थी जो कई दीनों से वो दिल की बात,
इस शाम वो बात कहने का अब "समय" आ गया है,
ऐ मेरे दिलदार संभल कर रखना तू अपने जज्बात,
अब करने इज़हार-ऐ-मोहब्बत ये "अक्षय" आ गया है।-
खुशियों के बिना ज़िन्दगी हो तो वो अधूरी है
रौशनी अपने साथ सभी के जीवन में जरुरी है
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