QUOTES ON #RAPEFREEINDIA

#rapefreeindia quotes

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1 OCT 2020 AT 0:08


ना कोई कृष्ण है यहां.. ना कोई फरिश्ता है यहां..
सुरक्षित रहना है हर औरतों को अगर...
तो द्रोपती बनना पड़ेगा अब यहां...

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16 OCT 2020 AT 12:57

बलात्कार एक अभिशाप आखिर कब मिलेगा न्याय

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Instagram I'd @heaven_writes_20

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कपड़े छोटे वो पहन रही है,
नियत नंगी तेरी हो रही है।

अपने संस्कार और परंपरा की इतनी दुहाई देते हो,और
अपनी बेटी की उम्र की लड़कियों पर आँखें सेकते हो।

बातें तो ऐसे करते हो,जैसे कोई गुनाह होने से रोक रहे हो,
ख़बर हमें भी है,तुम इंसान की शक़्ल में दरिंदे घूम रहे हो।

निहार रहे हो क्यों इतना किसी और के घर की लक्ष्मी को,
क्या घर जाकर अपनी बहन बेटियों के साथ यही सलूक करते हो?

आखिर क्यों शराफ़त की पहचान उनके पहनावे से करते हो,
दुनिया के मर्जी से कपड़े पहनने का,क्या कोई कानून बना रहे हो?

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10 NOV 2020 AT 20:12

❤️❤️

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11 SEP 2024 AT 22:04

समाज की हर एक बेटी की पीड़ा

अनुशीर्षक जरूर पढ़े
🙏👇🙏

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1 OCT 2020 AT 23:46

स्त्री
बलात्कार
बलात्कारी
कानून
बेल
और फिर एक बलात्कार
आखिर कबतक..............??

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1 OCT 2020 AT 22:53

हाथरस सामूहिक दुष्कर्म : - " एक निंदनीय अमानवीय घटना "

जली हूं , पर बुझी नहीं ..
थमी है सांसे , पर मरी नहीं ..

पहले जली ये आत्मा , दरिंदगी की हवस की आग में ..
आज फिर जली ये काया , इस समाज के अछूत आग में ..

नहीं सोई ये बेजान देह , अपने घर के आंगन में ..
ना चाहते हुए महरूम रही ये तन , अपने किलकारीयों से सने प्रांगण में ..

कब तक जलती रहेगी ये हवस की अग्नि , जातिवाद रुपी समाज की आड़ में ..
तब तक मिलती रहेगी खून में लिपटी निर्भया , सुनसान खेतों की झाड़ में ..

दरिंदगी में लिपट गए हैं कुछ नए चेहरे , अपनों के न दिये संस्कार से ..
बिलखती रही ये पार्थिव शरीर , अनजान हाथों से किया अंतिम संस्कार से ..

नहीं है नई ये दर्द रूपी दास्तां , ये जातिवाद में लिपटे समाज की है ..
आखिर फिर देखी एक पुरानी सच्चाई , भ्रष्ट सत्ताधारीओं में सिमटे स्वराज की है ..

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2 OCT 2020 AT 7:58

माँ ने अपनी काया से जनकर,
नित् ममता से उसको सींचा होगा,
एक पिता ने गोद में लेकर,
बड़े नाज़ों से उसको पाला होगा,
ज्यों हरे-भरे उपवन का कोई
नव- ‌पुलकित मृदु-प्रसून होगा,

पर हैवानों ने उस कुसुम को तोड़कर,
कुछ इस कदर रौंद डाला,
करता रहा जतन,जूझता रहा
बचाने को अपनी कोपल- सी पंखुड़ियां,
फिर भी हैवानों की हैवानियत से
वह कहाँ बच था पाया।।

क्या बीत रही होगी उस माली(पिता) पर ?
जिसने अपने खून-पसीने से उसको सींचा था,
कैसे जियेगा ?अब माली(माँ) वह...
जिसके लिए वह प्रसून ही पूरा फुलवारी था!!

(जघन्य अपराध उन* का था,
फिर क्यों दण्ड उस मासूम को मिला?
हैवानियत उनमें* थी,
तो फिर क्यों वह प्रसून कलंकित हुआ?)

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1 OCT 2020 AT 10:32

Gunah kar hi nahi sakta zehan koi ,
Agar khayalon me Jinda ho behan koi .

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3 OCT 2020 AT 15:50

वो रक्षा-सूत्र बंधवाकर कहते, है मेरी
जिम्मेदारी तुम्हारी सुरक्षा का ,ये मेरा वादा है ।

देखकर परिस्थिति जमाने का , लगता है उस
रक्षा-सूत्र की जरूरत हम बहनों को ज्यादा हैं ।

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