भीगे ज़मीन आसमान मगर
सूखा रहा एक मेरा ही घर
दुनियाँ है तेरी निगाहों में
बस तुझे मैं ही ना आया नज़र |
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"ജീവിക്കുന്ന ഓരോ നിമിഷവും ഞാൻ നിന്നെ കുറിച്ച് ഓർക്കുന്നു... അല്ലെങ്കിൽ നിന്നെ കുറിച്ച് ഓർക്കുന്ന നിമിഷങ്ങളിൽ മാത്രം ആണ് ഞാൻ ജീവിക്കുന്നത്... "( ആമി )
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वैसे तो हम Psychologist हैं,,,
लेकिन जिन्दगी के अनुभवों ने शायर बना दिया ।।-
Na hindu hu na musalman hu
Iss baat se m anjaan hu
Bas itna pta h ki ek insaan hu-
Na chahte hue bhi waqt un chizo ki yaad dila deta h
Jo mil na skega dobara...uski khwahish phir se jaga deta h-
नहीं कहेंगे हमे जरूरत है तुम्हारी
नहीं कहेंगे फिक्र है हमे तुम्हारी
कर लो तुम अपनी अब मनमानी
नहीं कहेंगे हमे आदत सी है, तुम्हारी !!-
Tum
tumhari gun
Tumhara uniform
Tumhara perfume
Kaid hu isi me......
Mai abb riha kaha ...❤-
इश्क तो था ही अब होने लगी है नफरत भी
मगर ये नफरत भी चाहे कि पूरे तेरे ख्वाब हो जाये
जो करे आखिरी दुआ हम खुद के लिए भी
खुदा करे वो आखिरी दुआ भी तेरे नाम हो जाये-
दो कवयित्रियों में हो गयी लड़ाई,
वजह बनी अपनी अपनी बड़ाई,
एक दूसरे की कर दी खूब धुलाई,
बीच-बचाव को कोई न आई।
शोर सुन पधारे एक कविराज,
कहा नहीं है अच्छा यह काज,
आप दोनों आ जाओ बाज,
झगड़ा करते आयी न लाज।
कवयित्रियांँ अब कवि पर गुर्राई,
उनके हाथ हुई कवि की धुनाई,
सोचो हमनें आपको ये क्यों बताई,
औरतों के लफड़ों में कभी न पड़ना भाई....! 😃😜-