समझदार तो बहुत था वो शख्स
जो बिना बात किये इतना कुछ कह गया— % &-
Safar ke maze lo
जिस उम्र मे लोग बातों को समझते है
उस उम्र मे हमने समझाना सीख लिया था। — % &-
दोस्ती से शुरू हुई थी ये कहानी
पता ही नहीं चला की कब
अंजान बन कर खतम हो गयी— % &-
वो लड़का हाथ पे माँ शब्द का
Tattoo बना कर घूमता है
जो कल अपनी माँ से बृधाशरम्
मिलने गया था। — % &-
छोड़ दी ख्वाइश पतंग बनने की
जब से मांझे को मांझे का ही गला
काटते हुए देखा— % &-
उसका नाम था रॉकी
भूखा और बेज़ुबान
एक घर मे गया मांगने को रोटी
मासूम सी शकल उम्मीद थी छोटी
था वो बेसहारा
एक ज़ालिम ने उसे
डंडे और पत्थरों से था
बड़ी बेरहमी से मारा
सड़क पे बहने लगी थी
खून की धारा
आखरी साँसे गिनता रॉकी
दर्द से था करहारा
जाकर खुदा से पूछेगा सवाल
क्यों इंसानों ने कर रखा है
हम जानवरो का बुरा हाल
आखिर मे बस इतना ही कहूंगी
की इस जनम मे अगर तुमने
बंद ना करा जानवरो को सताना
तो अगले जनम मे मेरे मालिक
उस सताने वाले को जानवर ही बनाना।
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Leave alone
No one is distract you
No one is disturbed you
You always stay happy-