ऐ कलम ......आज कुछ तो ऐसा लिखा जाना चाहिए
वो शख़्स जो ख़फ़ा है मुझसे पढ़ के मुस्कुराना चाहिए!-
I carry my poem like
blooming air which are like
melodious singing birds
flying on high sky
spreading colors of happiness
through beautiful butterflies and flowers
in every ones life My freely pen
flow's poems with Rhythms...❤-
___क्या महिमा है ऐ कलम तेरी___
रोज अपनी स्याही खत्म कर लेती...
फिर भी मुझसे कोई शिकायत न करती...
चुपचाप फिर शब्दों को पिरोए चली जाती...
फिर एक अद्भुत रचना को तुम जन्म देती...
तुम्हारी ये खामोशी बोलती उस रचना में...
फिर किसी को खुश करती तो किसी को रुला देती...
कलम ऐ हमसफ़र मेरी पहचान जो तुम्हीं से...
फिर इस पहचान को मिटा न देना...
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नशा हममें कलम का
जब भी चढ़ता है।
कोरे से कागज़ पर
खूबसूरत अल्फाज़ बनकर उतरता है..।-
Keyboard पे चली उंगलियां
एहसास महसूस नहीं कराती
तुम❤️ कलम से लिखना मेरे लिए-
ना मरने का गम है,
ना जिंदगी में खुश हम हैं,
चारो तरफ समा ही समा है,
और ..और लबों पर जाम फिर भी कम है।।।-
एक शिकायत थी उसकी.... कि हा
नज़दीकीयाॅ थोड़ी कम थी हमारे बीच
मगर हमने तो उन दूरियों मे भी आशियाने भुन लिए......-
गलिब्,
कुछ ग़म तूने दिया..
तो कुछ मैंने ख़ुद से लिखा लिया!
बेकुफ़ तूने बनाया...
और ग़लत ख़ुद को बना लिया!!
ग़म तुझे होगा अब...
मैंने तो मुस्कुराना सिख लिया!!
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