निगाहें नाज़ करती हैं,
तेरे ख्वाबों के आने पर
कभी तो लौट कर आजा
मेरे दिल के ठिकाने पर
तेरा ही अक्स दिखता है
तेरा ही नाम आता है
मै जन्नत हार जाती हूँ
तेरे इक मुस्कुराने पर
तु शामिल रूह मे है मेरी
तेरा ही ज़िक्र करती हूँ
"हया" के नाम से थी रौशन
जो अब है निशाने पर ।।
-
जैसे कैलेंडर में इतवार बदलता है
दिल फेक है वो बस यार बदलता है
हया की बातें वो करते है देखो
हर एक कदम पर जिनका प्यार बदलता है-
आज फिर दिल की पुरानी डायरी देखी
तेरी यादों के सिवा कुछ ना मिला-
दफ़'अतन निगाहें मिल गयीं थी तुमसे
शरी'अत-ए- इश्क़ से बिछड़ना लिखा था ।-
वो कहता है सबसे के लापता हूँ मै
कोई पूछे तो मेरे दिल का पता दे देना
इश्क़ करना अगर गुनाह है तो
अब तो हो गया है सज़ा दे देना ।-
हम जो चाहें और वो हमें मिल जाए ?
वही बात है , पत्थर पे फूल खिल जाए-
मुहब्बत मिल जाए , तो मुहब्बत कहाँ होती हैँ ?
मुहब्बत कभी मरती नहीं हर रोज़ जवां होती है ।-
ज़िंदगी खुशगवार हो ,और आप मुस्कुराते रहें
तमन्ना पुरी हो आपकी ,आप खुशियाँ पाते रहें
कोई भी हँस दे आपकी मीठी बातो से
खुदा करे आप यूँ ही हॅंसते -हँसाते रहें
-
किसी ना किसी जनम में हासिल होगा मुझको
यही उम्मीद काफी है ये जनम गुज़ारने के लिए-
मेरी तन्हाइयों में शोर हो जैसे
मेरे अंदर कोई और हो जैसे
चाह कर भी जाता नहीं ख्याल उसका
उसकी यादों से बंधी डोर हो जैसे ।।-