छुटकू और परियाँ
(Part 6th)
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👩👩💓 अपनी पापा की परी 💓👩👩
वो प्यार हमसे करती थी ।
पर जिक्र अपने परिवार की हमेशा करती थी ।
वो सच में अपनी पापा की परी थी ।
जो अपने परिवार के लिए मुझे छोड़ी थी ।
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐💓
उसकी आंसू ही काफी है ।
मेरे प्यार् को बयां करने के लिए ।
जब वो डोली पर बैठी होगी ।
वो हमें याद करके बहुत रोई होगी।
वो कभी बेवफा नहीं हो सकती ।
जो अपने पिता के लिए किसी और के बंधन में बँधी होगी।
मेरा प्यार ही कुछ ऐसा था ।
वो किसी और की होकर भी उसकी अच्छाई हमेशा मेरे दिल में रहेगी।
जो अपने परिवार का इज्जत रखती है।
वही लड़की किसी घर को मंदिर बनाती हैं ।
-
रखते ही कदम सीढ़ियों पर,
मन्दिर के !
जब वो सिर पर अपने दुप्पटा,
रखती है !
हाए,
कसम से !
मेरी जान मुझे उस पल एकदम,
प्यारी सी !
आसमान से उतरी हूर की परी,
सी लगती है !!-
परियाँ....!
आज रात जब लायेंगीं उड़नखटोला
ख़्वाबों में ले जाने के लिये,
मैं गुजारिश करूँगा
सातवें आसमान पर जाने को...
सुना है,
वहाँ पर चांदनी बिना घूंघट के बलखाती रहती है
एक मदमस्त हिरनी की तरह,
औऱ
अपने नूर से चमकाती रहती है सारा आसामन.
वही नूर चुराना चाहता हूं मैं तुम्हारी,
बिंदिया
पायल
झुमको के लिये.....-
आपके चेहरे की खूबसूरत बिंदिया देखकर यही ख्याल आता है मेरे दिल में
आपके चेहरे की खूबसूरत बिंदिया देखकर यही ख्याल आता है मेरे दिल में
कि अगर इस धरती पर कोई परी उपस्थित है तो वो आप ही है।-
समोरून जाता
मला दिसे ती परी ..
तिला बघून भान ना उरे
माझे माझ्या वरी ..-
मन करता है,
तारों को तुम्हारे बालों पर सजा दुं,
कुछ जुगनू तुम्हारे आसपास उड़ा दूं,
तितलियों के तुम्हे पंख लगा दूं,
लगने लगोगी तुम भी एक परी।
इसलिए नजर ना लगे,
तो एक काला टीका भी लगा दू।।-