-:|जुड़ना ~ टूटनाा |:-
दिल के साथ जुड़ोगे,
तो टूटने पर दर्द होगा।
सपनों के साथ जुड़ोगे,
तो टूटने पर पीड़ा होगी।
कोई रिश्ते में बंधे हो,
तो उसके टूटने पर तकलीफ़ होगी।
किसी को अपना गुरुर बनाए हो,
तो उस गुरुर के टूट जाने पर तुम खुद ही टूट जाओगे।
पर अगर किसी उम्मीद को सीने से लगाए हो,
तो उसके टूटने पर जीने की वजह ही खो बैठोगे।
इसलिए शायद कहा गया है कि...
"अपने खुशी के दामन को
किसी के हाथ में देने के बजाए अपने हाथ में थामे रहो।"
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