मीलों सफर करती है रोज यादें मेरी तब जाकर
हम कहीं तेरे जेहन तक फिर पहुंच पाते है-
24 NOV 2019 AT 22:32
24 JUL 2020 AT 16:43
Wo ,wahan pahunch Na sake to kehte Hain ki ye hamari Manjil hi Nahi thi.
Ham jahan khade Hain wohi hamari Manjil hai-
26 JAN 2019 AT 17:06
कुछ रईसी इमारतों सी मुहब्बत हो गई है आजकल
ग़रीब आशिकों के ख्यालों की पहुंच से भी कोसों दूर है-
2 DEC 2020 AT 0:26
Koi jism par Atak Gaya
AUR Koi Dil par Atak Gaya
ISHQ USKA HI MUKAMMAL HUA
jo Rooh tak pahunch Gaya.
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18 MAY 2020 AT 23:41
बहुत आएंगे,बहुत जाएंगे,
पर जहां तक तुम आए थे, वहां नहीं पहुंच पाएंगे।
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6 MAR 2021 AT 10:22
अभिनय से कोई परमात्मा तक
न पहुंचा है ,
न पहुंच सकता है
केवल
अनुभव से
पहुंचा जा सकता है ओशो-
21 SEP 2021 AT 22:56
काश उसके कानों तक मेरे दिल की आवाज़ पहुंच जाए.
जो मैं कह ना सका कभी उस तक वो बात पहुंच जाए.
कर कुछ ऐसा ए तकदीर की मुहब्बत की आबरू रह जाए.
मैं ख़ामोश भी रहुं और उस तक मेरे अल्फाज़ पहुंच जाए.-