उस राह से तुम जाया न करो
ख्याल से ही उनके, मर जाते हैं लोग-
मैं कुछ भी नहीं,
पर तुझसे मोहब्बत करता हूँ
ओ दुनिया को बनाने वाले
भूल न जाना,इस गुस्ताखी को-
अब नहीं गूंजती किलकारियां
सूना आंगन खूब रोता हैं,
राह देखता है बन्द दरवाजा
बूढ़ा कांधा बोझ ढोता है
दफन हो गईं हैं संवेदनाएं
जीवन बस एक धोखा है
यूज़्ड ऐण्ड थ्रो का जमाना है
कौन किसी का होता है
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बहिन,
एक अनमोल पावन रिश्ता
भाई के दिल की संवेदना समझने वाली परी
मां जैसा ध्यान रखने वाली
एक और मां
भाई पर जान छिड़कने वाली
एक अद्भुत शक्ति
फ़िर भी भाई से कोई आस न
रखने वाली एक अबूझ पहेली-
दुःखा ना दिल किसी का,
सदा ए यार सुन ।
गर चाहे इनायत खुदा की,
तो मुस्कुराहट की वजह बन ।।
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स्वर्ण आभा से युक्त
सपनों के किसलय पर लेटी
सबके हृदय गगन में अंकित
इक नन्ही परी अनवीरा
अंगद सी अटल
अपने इरादे से आगे
जाने को तैयार
सबका गहना
इक नन्ही परी अनवीरा-
छक रहि तोरे प्रेम से, वाह तिहारो साथ
गद बद सारी भूल के,गद गद हो रही नाथ
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शत शत तोरि वंदना ,करुँ जोर दौ हाथ
चरन अपनों से बांध के,भलो कियो हे नाथ
मैं अभागिन थी बड़ी,रही लिपट चहुँ ओर
नाथ आपने नेह कर,बांधी मो संग डोर
मैं भूलूँ न भूल सकूँ,प्रीत तुम्हारी नाथ
दया दृष्टि राखौं सदा,विनय करऊँ धर माथ
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