QUOTES ON #PAHLI_BARISH

#pahli_barish quotes

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7 JUL 2020 AT 10:19

PAHLI BARISH..

Khud Ko Itna Bhi Na Bachaya Kr,
Barisen Hua Kare To Bheeg Jaya Kar...

Jab Bhi Hogi Pahli Barish,
Tumko Samne Payenge...

Wo Boondo Se Bhara Chehra Tumhara,
Hum Dekh To Payenge...!

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26 JUN 2020 AT 11:52

आज ये मौसम यू ही कुछ बदला सा लग रहा है, कुछ तो है आज की बारिश में ,उसकी बूंद से खिली है ये बहार, प्यारी लग रही हैं ये गुलाबी शाम, कुछ तो खाश हैं ये बूंद में, यू ही बारिश देखकर कोइ पपिहा नहीं नाचता, यू ही ये हरियाली खोई थीं इस बारिश के पीछे, फूलों की महकती ख़ुशबू नए शाम लेकर आयी थी, हा यहीं पहेली बारिश की पहली बूंद थी।

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पहली बारिश
ज़मीं में दबे जीवन को
परवाना बना देती है।

और

पहली मुहब्बत
दिल की धड़कनों को

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22 APR 2021 AT 11:53

आंख भर भर वह देख रही
चकवा चकवी के चंचू- मिलन।
वह देख रही हैं वन कपोत
के संग कपोती का घुटरन
वह पकड़ आम्र तरु कि डाली
रह रह लेती अंगराई हैं
अंगों में यौवन कि मदिरा
कि मस्ती भर आयी हैं
स्वर्णिम चंपा के फूलों से
वह डलिया में सजाती हैं
जूही कि कलियाँ गूथ गूथ
बालों में वो हर रोज लगाती हैं।
जल भरे हुए दो कलश लिए
वह बालखाती चलती डगर पर
छन छन उठती पग कि पायल
ना जाने करती कितनो को घायल
आसाढ़ कि रिमझिम रिमझिम बारिश में
वह भीग रही हैं जी भर भर
बारिश के बून्द और उसके तन में
दिखता उसके कुछ भी ना अंतर
अब दिन भर में वह कई बार
परिधान बदलती रहती हैं
नयनों के कातिल वाणो से
कितनो को घायल किया करती

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24 JUN 2022 AT 14:38

मौसम है बारिश का और याद आपकी आई!
बारिश के हर कतरे से आवाज आपकी आई!

Mausam h barish ka aur yaad aapki aai
Barish ke har qatre se aawaz aapki aai

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23 JAN 2018 AT 17:43


नये साल की पहली बारिश ने भी दगा दे दिया
फिर पुरानी यादों का काफिला सामने रख दिया
कितना सोचा भूल जाऊं उन यादों को
पर बारिश की हर बूंद ने मेरे अतीत के पन्नो
को फिर पलट दिया।।

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10 JUN 2019 AT 8:50

पहली बारिश की
पहली सुबह, 
दिल में कुछ
यूं उतरती है, 
जैसे हवाएं,
गीली मिट्टी की 
खुशबू में आह
भरती है ।।

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27 JUN 2022 AT 12:56

आज फिर बेपनाह बरस पड़ी तुम सी ये बारिश
इस बारिश की भी अजीब सी कशिश है
ना चाहते हुए भी सिद्दत से तुम्हारी याद आ ही जाती है।

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28 JUN 2020 AT 18:50

मौसम की वो पहली बारिश, याद आती है मुझको,
वो ठंडक का अहसास,
वो तेज चमकती बीजली,
वो गर्जना करते बादल,
वो अंधेरो से भरा आसमान, याद आता है मुझको।
वो छत पर जाना,
वो बारिश में भीगना,
वो कागज की कश्ती बना ना,
वो पानी की बौछार से खेलना।,याद आता है मुझको।
कोयल की वो कुहू कुहू,
खेतो की वो हरियाली,
वो गीली मिट्टी दी खुश्बू,
वो अदरक इलायची वाली चाय, याद आती है मुझको।
बस जवानी में ये सब छुट सा गया है,
जिम्दारियों की बेडीया बंध सी गई है।
इसलिए,
मौसम की वो पहली बारीश, याद आती है मुझको।

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8 JUL 2020 AT 21:47

पहली बारीश कि वो पहली बूँद
जो देती है मुस्कान तपते दोपहरी में
मिट्टी की वो सौन्धी खुशबू
टपरी की वो मीठी चाय
उसके साथ जो बात उठाए
मज़ा उठाए अल्फाज़ो का
दिल में आए जज्बातों का
जज्बातों में डूबे कुछ पुराने किस्से
किस्सों में डूबे कुछ पुराने रिश्ते
पहली बारीश कि वो पहली बूँद
जगाये है नए अरमान
इस दिल की छोटे से कोने में

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