जिज्ञासु(विष्णु)   (©जिज्ञासु “vishnu”)
954 Followers · 116 Following

Joined 12 January 2019


Joined 12 January 2019

मानव विकास की प्रकिया में
स्त्री पशुत्व को त्याग कर
कई प्रकाश वर्ष आगे चल रही हैं।
लेकिन

पुरुष और पशुत्व अभी भी एक दूसरे के पर्याय बने हुए हैं।

-



हादसों का क्या हैं!
मुस्कुराने से भी हो जाते हैं।

-



होता हैं दिल भी बैंगनी, इश्क की आग मे झुलस कर।
फूंक-फूंक कर सिगरेट, उसने होंठों का रंग बदला हैं ।।

-



जिसको को लोग मानते हैं,उसी को लोग मानते।

आपके पास दो लोग है ,उसी से चार लोग आते हैं।
क्या आप यह जानते हैं!

-



मिट्टी से बना आदमी एक दिन मिट्टी हो जाता हैं।
फिर जंगलों से बने शहर एक दिन वापस जंगल होंगे?

-



जब बेटियां घर से विदा होती हैं
तो पिताओं का चेहरा ठंडा ,सफेद और उदास
पड़ जाता हैं।

देखो!जैसे हिमगिरि के उत्तंग शिखरों को।

-



एक तरफा प्रेम में,
ईश्वर आंखों से बहता हैं।

-



जो किताब महकती हैं
जरूरी नहीं वो सुखों से भरी हो।
फूलों को तोड़कर, उबालकर इत्र बनता है,

सुख कुछ नहीं दुखों की परतों में धंसा हुआ प्रेम हैं।

-



सुख!
दुःख की किताब में मिला एक गुलाब हैं।

-



जब दुखों का कत्ल होगा।
तब ईश्वर सबसे अधिक नाराज होगा...

-


Fetching जिज्ञासु(विष्णु) Quotes