ये मत समझना कि... हमे कोई देख नहीं रहा
सभी पर उस रब कि नज़र होती है...!
बाद मे हुआ पछ्तावा...तो क्या फायदा
सच्चे रिश्तों कि तो ज़िंदगी मे कदर होती है...!!!-
हमें जो ज़िद थी उसे अब छोड़ बैठे हैं
वीरान शामो से रिश्ता हम जोड़ बैठे हैं
किसी से न आस और न उम्मीद है कोई
सभी से ता'आल्लुक़ पुराने तोड़ बैठे हैं
दुनिया है मतलब की ये देख लिया मैंने
फ़रीद जानकर इसे किस्मत फोड़ बैठे हैं
सोचा था हमने दुनिया को तब्दील करेंगे
नदामत हुई तो राह से कदम मोड़ बैठे हैं
मस'अला यही है सब बेहतर हैं चाहते
इसी हसरत में खुद को झिंजोड़ बैठे हैं
अल-आख़िर मशिय्यत थी हो गयी पूरी
क़तरा-ए-लहू जिस्म का निचोड़ बैठे हैं-
हाल वो मेरा समझे ना
हाथ मेरा थाम कर छोड़ा
है पचतावा बस इतना ही
मुझे छोड़ चला वो कहाँ
-Krity💘
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सपनो को संजोये हुए
बढ़ रही थी खुशियाँ लिए
तानो को सुनते हुए
ये काम नहीं हैं लड़कियों के लिए
कर वही जो तुझे भाता हैं
ये बात मेरा दिल मुझे समझता हैं
क्यों दुनिआ की चिंता करना हैं
जब तेरे साथ तेरे माँ बाप का आसरा हैं
आज रोक लिया खुद को अगर
कल बस पछतावा बचेगा तेरे डगर-
लालच बुद्धि को नस्ट कर देती है, और उसका पछतावा शरीर को सहना पड़ता है।
पछतावे में हमारी हालत ठीक वैसी होती है .. जैसे..
**गुलाब को कांटों से बचाने की लालच देकर तोड़ लिया जाता है....
फिर किसी किताब में सूखने के लिए छोर दिया जाता है।**...-
अभी तो दायरों की बेड़ियाँ मेरे पगों में जकड़ी ही हुई थी
तभी दहलीज के पार कदम रख उनके गुनाहगार बन गए हम
विश्वाश करने की मुझपर अभी तो वो सोच ही रहे थे
कि उससे पहले ही...
उनकी भावनाओं के साथ विश्वाशघात कर खुद की नजरों में ही मक्कार बन गए हम-
बोलने से पहले सोच लिया करो ,
क्योकि बोलने के बाद सोचा नही
पछताया ही जा सकता है।-
Meri barbadi ka tamasha dekhne wale,,, tum sab ek din bahot pachtaoge...
Tumhare ghar bhi hain betiyan,,,
tum apne daag kab tak chupaoge?-