গ্রীষ্মের দুপুরে একদিন ঠাম্মা নাতনিকে এসি র হাওয়ায় বসে গুল্প বলছিল।এটা দেখে এসি র খুব গর্ব হলো আর সে মনে মনে ভাবল"আমিই এখন রাজার রাজা,এই গরমে আমি ছাড়া সবাই ব্যাং ভাজা।"ভাবমাত্রই হঠাৎ লোডশেডিং!নাতনি বললো"উফঃ কেন যে কারেন্ট যায়!"ঠাম্মা বললো"চিন্তা কেন দিদিভাই! যা! হাতপাখাটা নিয়ে আয়।"
ज़माना था वो भी जब बिना किसी संबंध के बंधन निभाया करते थे लोग!! अन्न का एक दाना मांगने पर पेट भर खिलाया करते थे लोग!! कभी निस्वार्थ भाव से दूसरों की सलामती की भी दुआऐं माँगा करते थे लोग!! कहते लोग उसे गुज़रा ज़माना हैं क्योंकि आज लोगों के लिए तो ऐसा सोचना बस एक फसाना है!!
OLD Old old old! Little more bold, Old from appearance Not from heart, Old in age Not in courage, Old as banyan tree Not as feeble minded, Old in talks Not in experience, Old for you Not for my dreams, Old old old! Little more bold.
जिन्दगी बीत रही है उम्र ढल रही है सपने फिसल रहे है अपने रूठ रहे है .. सपने पूरे करने का हौसला ना रहा या कहू अब मुझमे ताकत ना बचा .. किसीको संभल ने का ताकत ना रहा किसीको मनाने का समय ना बचा ... बुढ़ापा आया , खुद को संभल ने के लिए लाठी का सहरा लेना परा..
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