मैं नहीं पूछता वो बातें, जो तुमने नहीं बताई थीं ,
विश्वास किया था तुम पर बस, उम्मीदें नहीं लगाई थीं।
माना मेरी गलती थी, जो इतना ज्यादा प्यार किया ,
तुम कभी नहीं थी उस लायक, जितना तुमको अधिकार दिया।
मंसूबे अपने सब लेकर, हमने जो लिखी थी अभिलाषा ,
विश्वासघात का दरिया तुम, ऐसी है तुम्हारी परिभाषा।
गर रुसवाई में वो लिख दूं, जो तुमने कभी छिपाई थी।
मैं नहीं पूछता वो बातें, जो तुमने नहीं बताई थीं।।
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