छोटी सी गलती का थप्पड़ उस नौकर को सरेआम पड़ा है जनाब,
जिसे मालिक के बड़े बड़े गुनाह छिपाने की रिश्वत बंद कमरे में मिली ।-
गरीब hu साहब kamchor नही...
बस itna बता do साहब videsh घुमने gaye थे, या corona लाने gaye थे,
Ab हस्पताल ka खर्च toh उठा loge ना hum गरीबो kaa ??
सारा बोझ toh उठा लिया hu साहब,ab भुख kaa हल toh निकाल दोगे naa साहब??
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हर बार तुम्हारी मानूं कोई नौकर थोड़ी हूं,
दुःखी हो कर भी हंसती रहुं
कोई जोकर थोड़ी हूं।-
Rishwat khoro ke yahaan kam karna bhi
Ek gunaah hi toh hain...-
मलिक और नौकर
सीख रहा हूँ जिन्दगी जीने का तरीका
मालिक तो देखें कई,
पर उनमे नहीं कोई माँ बाप जैसा।
छोटी ही सही मगर शुरआत किया
जिन्दगी के रास्ते पे खुद को उतार दिया।
जहाँ किया था काम मैंने
वहाँ से मिला मुझे धोखा,
अखिर कुसूर अपना ही था,
जो किया ऐसे लोगों पे भरोसा।
जिसे तुम नौकर समझ रहे हो
वो भी मालिक होता है,
फर्क इतना सा है
तुम पैसों से बने मालिक और वो
अपने काम का होता है।
जिसकी शुरुआत छोटी होगी
वहीं समझ पायेगा मालिक की गरिमा
अक्सर पैसों से बना मालिक का घमंड
टूटता हुआ देखा है जमाना।
ऐसे मालिक को देख खुद को बदलना चाहता हूँ,
ना मालिक और ना ही नौकर बनना चाहता हूँ,
सच कहूं,
तो मैं एक सच्चा इंसान बनना चाहता हूँ,
मैं एक अच्छा इंसान बनना चाहता हूँ।✍️✍️🙏-
ना जाने कितने गुनाह इन कपड़ों ने ढक लिए हैं
झुकी पलकों की रिश्वत खामोशियों ने लिए हैं-
Chuna apna jo naukar ab sahansah ban baitha hai
Loote bazaron mei Naukar kharidar ban baitha hai!-
बंद कमरे के अंधेरों मे हजारों राज़ दफ्न है
हिसाब जिनका कभी रोशनी में हो नही सकता
औ' गुलामी नाम जिसका है, यूँ ही चलती रहेगी वो
कि रिश्वत, दाम कभी गुलामी का हो नही सकता ।।
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नौकर ऐसा चाहिए,
जो घर कभी न जाय।
महीना से मतलब नहीं,
भीख मांग के खाय ।।-