Uske pyar me nasha he kuch aisa tha ki
Log hame aaj bhi sharabi samajhte hai...!!-
मंज़िल के खयालों की गिरफ्त बहुत खूबसूरत है जनाब,
लेकिन हमसफ़र के साथ सफ़र का अपना ही एक नशा है ।-
Kal befizuliyat ki batien
Unki kaat di,nazar mila
Wo puch baithe ye,Kon
Sa nasha kar rakha hai.
Phir, Jaam hi badnam hui
Or Kehte bhi kya,ye nasha
Aloo ke paratho ka hai janab
Humara beda gark kar rakha hai.-
अब तो जो सही है
वो भी सही है और
जो गलत है वो भी
सही है...नशे मै हूँ
और पी भी नही है ll-
अपने मयखाने पर
इतना गुरूर ना कर ऐ साकी !
उनकी आंखों से बढ़कर सुरूर दे
ऐसा जाम ही नहीं तेरे पास !!-
बेशक़ तेरे महफ़िल का शाम नहीं हूँ मैं,
पर गलतफहमी न पाल,
आम नहीं हूँ मैं,
मेरे इश्क़ के नशे का एक घूंट चाहिए 'तुम्हें'...
ख़्वाब छोड़ो...
इतना सस्ता जाम नहीं हूँ मैं-
Aisa nasha h tere ishq ka kitna bhi piya
Jaye na pyas bujhti h na jaam kam hota h
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क्या मज़ा उस जाम का ?...🍷
रात में पीकर ...नशा बस सवेर तक रहता है ।।
तू बस...दो बात कर लिया कर पगली...💑
तेरी बातों का असर... देर तक रहता है ।।-
ख़्वाबों में तसवीर,
फ़िज़ाओं में खुश्बू...
ठहरता सा वक़्त,
खामख्वाह मुस्कुराना...
क्या मैं नशे में हूँ?
या मुझे मोहब्बत है..।-