हज़ार हिस्सों में बांटा हुआ कोई क़िस्सा हूं मैं
मुकम्मल कहानी नहीं , जो सुनाई जाऊं ज़मानें को
-
जिस से मिलिए उसे ख़फ़ा कीजे
- Jaun Elia
ओझल होते हुए ख़्वाब के साथ
दिल में दबे हुए हर जज्बात के साथ
कप्तान हूं मैं , डूबते हुए जहाज़ का
मुझे डूबना होगा मेरे जहाज़ के साथ
-
जिंदगी से नाराज़गी बढ़ती ही जा रही है
लगता है अब मौत से मोहब्बत करनी होगी ।-
दामन को आंसुओं से भिगो लेंगे हम
दर्द के बिस्तर पे भी अब सो लेंगे हम
जरूरत नहीं तेरे कांधे की हमें
कोरे कागज पे ही अब रो लेंगे हम
-
कुछ बातें नई , कुछ पुरानी लिख दूं
दर्द की ऐसी कहानी लिख दूं ।
तू गौर से पढ़ने का वादा तो कर ,
मैं कागज पे अपनी जिंदगानी लिख दूं ।।-
गर बेचूं दर्द अपना , तो खरीद लूं तुम्हें
यूं गरीब कहे कर तौहीन ना कर मेरी ।
-
।। कागज ।।
मेरे ऐबों को तलाशा नहीं करता
मेरे गम में और इजाफा नहीं करता ।
अक्सर सुना देता हूं दर्द अपना कागज को
वो सुनता है , सुनकर तमाशा नहीं करता ।।
-
जो ज़ाहिर ना हो, उन जज्बातों में रख
गुलाबों सा मुझको बंद किताबों में रख
ना आंखों में रख , ना बातों में रख
गर मोहब्बत है मुझसे , तो मुझे अपनी यादों में रख
-
लानत हो मुझ पर के अब तक जिंदा हूं मैं ।
मुझे मर जाना चाहिए था , मेरी ख्वाहिशों के साथ ।।-