SD 1787   (SD1787)
832 Followers · 63 Following

read more
Joined 16 March 2020


read more
Joined 16 March 2020
27 MAY 2024 AT 22:12

ओझल होते हुए ख़्वाब के साथ

दिल में दबे हुए हर जज्बात के साथ

कप्तान हूं मैं , डूबते हुए जहाज़ का

मुझे डूबना होगा मेरे जहाज़ के साथ

-


21 NOV 2023 AT 11:29

दवा समझ, जहर को पी रहे हैं लोग

यादों को याद करके जी रहे हैं लोग

-


22 APR 2023 AT 12:09

जिंदगी से नाराज़गी बढ़ती ही जा रही है

लगता है अब मौत से मोहब्बत करनी होगी ।

-


12 NOV 2022 AT 19:44

दामन को आंसुओं से भिगो लेंगे हम

दर्द के बिस्तर पे भी अब सो लेंगे हम

जरूरत नहीं तेरे कांधे की हमें

कोरे कागज पे ही अब रो लेंगे हम

-


3 OCT 2022 AT 11:16

कुछ बातें नई , कुछ पुरानी लिख दूं

दर्द की ऐसी कहानी लिख दूं ।

तू गौर से पढ़ने का वादा तो कर ,

मैं कागज पे अपनी जिंदगानी लिख दूं ।।

-


20 JUN 2022 AT 11:46

गर बेचूं दर्द अपना , तो खरीद लूं तुम्हें

यूं गरीब कहे कर तौहीन ना कर मेरी ।

-


6 APR 2022 AT 10:17

।। कागज ।।


मेरे ऐबों को तलाशा नहीं करता

मेरे गम में और इजाफा नहीं करता ।

अक्सर सुना देता हूं दर्द अपना कागज को

वो सुनता है , सुनकर तमाशा नहीं करता ।।

-


23 JAN 2022 AT 21:27

जो ज़ाहिर ना हो, उन जज्बातों में रख

गुलाबों सा मुझको बंद किताबों में रख

ना आंखों में रख , ना बातों में रख

गर मोहब्बत है मुझसे , तो मुझे अपनी यादों में रख

-


26 DEC 2021 AT 17:29

लानत हो मुझ पर के अब तक जिंदा हूं मैं ।

मुझे मर जाना चाहिए था , मेरी ख्वाहिशों के साथ ।।

-


12 OCT 2021 AT 17:09

चलो आज कुछ इस तरह से ईद मनाते हैं
जिंदगी छोड़ , मौत को गले लगाते हैं

रास नहीं आती अब ये दो पल की महफिलें
चलो गुमनामी के समंदर में , एक गोता लगाते हैं

बहुत उतार लिया खुद को जिंदगी के पन्नों पर
चलो आज उन पन्नों को , खुद ही आग लगाते हैं

-


Fetching SD 1787 Quotes