ओझल होते हुए ख़्वाब के साथ
दिल में दबे हुए हर जज्बात के साथ
कप्तान हूं मैं , डूबते हुए जहाज़ का
मुझे डूबना होगा मेरे जहाज़ के साथ
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खून-ऐ-जिगर देना पड़ता है कलम को दर्द लिखने के लिए
- SD... read more
जिंदगी से नाराज़गी बढ़ती ही जा रही है
लगता है अब मौत से मोहब्बत करनी होगी ।-
दामन को आंसुओं से भिगो लेंगे हम
दर्द के बिस्तर पे भी अब सो लेंगे हम
जरूरत नहीं तेरे कांधे की हमें
कोरे कागज पे ही अब रो लेंगे हम
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कुछ बातें नई , कुछ पुरानी लिख दूं
दर्द की ऐसी कहानी लिख दूं ।
तू गौर से पढ़ने का वादा तो कर ,
मैं कागज पे अपनी जिंदगानी लिख दूं ।।-
गर बेचूं दर्द अपना , तो खरीद लूं तुम्हें
यूं गरीब कहे कर तौहीन ना कर मेरी ।
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।। कागज ।।
मेरे ऐबों को तलाशा नहीं करता
मेरे गम में और इजाफा नहीं करता ।
अक्सर सुना देता हूं दर्द अपना कागज को
वो सुनता है , सुनकर तमाशा नहीं करता ।।
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जो ज़ाहिर ना हो, उन जज्बातों में रख
गुलाबों सा मुझको बंद किताबों में रख
ना आंखों में रख , ना बातों में रख
गर मोहब्बत है मुझसे , तो मुझे अपनी यादों में रख
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लानत हो मुझ पर के अब तक जिंदा हूं मैं ।
मुझे मर जाना चाहिए था , मेरी ख्वाहिशों के साथ ।।-
चलो आज कुछ इस तरह से ईद मनाते हैं
जिंदगी छोड़ , मौत को गले लगाते हैं
रास नहीं आती अब ये दो पल की महफिलें
चलो गुमनामी के समंदर में , एक गोता लगाते हैं
बहुत उतार लिया खुद को जिंदगी के पन्नों पर
चलो आज उन पन्नों को , खुद ही आग लगाते हैं
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