માં રેવા તારું પાણી નિર્મળ:
અનુશીર્શક મા વાંચો-
कैसे भूल जाऊं में बरसो की चाहत,
नदी गर सूख भी जाए, तो रेत से नमी नहीं जाती..-
हम नरसिंहपुरियो के घर मे कुछ मिले या न मिले
मगर घर के एक कोने में नर्मदा जल की बोतल और
नर्मदा मैया की फ़ोटो जरूर मिलेगी
हर हर नर्मदे 🙏-
मैं निमाड़ के रंग में रंगना चाहता हूं,
हां मैं राजघाट हूं अपनी नर्मदा से मिलना चाहता हूं।
रेवा की धारा सा बहना चाहता हूं,
गणगौर की संध्या में रमना चाहता हूं।
महाकाल की भस्म से प्रेम चाहता हूं,
हां मैं राजघाट हूं अपनी नर्मदा से मिलना चाहता हूं।
अपनी हर ग़ज़ल में उसका नाम चाहता हूं,
मेरे किस्सों में उसके हिस्से चाहता हूं।
मैं सिर्फ निमाड़ के रंग में रंगना चाहता हूं,
हां मैं राजघाट हूं अपनी नर्मदा से मिलना चाहता हूं।
- यादों की गुल्लक से #sea
-
ठहरना तो मेरा वजूद नही
प्रतिबद्धता,निरन्तरता,द्रढ़ सँकल्प के साथ
प्रगति पथ पर बहूँगा
नर्मदा की निर्मल धारा की तरह...
-
मेरा होना मेरे निशान मांगेगा
पत्थर पानी से पहचान मांगेगा
बहती थी कभी ले अंगड़ाई
मेरा अक्स मुझसे ज़बान मांगेगा
बांध दिया है तुमने मुझे बाँध में
सूखा हृदय किससे दीपदान मांगेगा
बाँध की आबादी में कितने घर बर्बाद हुए
ज़वाब तुमसे हर मुहल्ला वीरान मांगेगा
दे सको तो फिर मुझे प्राण दे दो
फाइलों में बंद तुमसे ईमान मांगेगा
पिण्डियां डुबोई जो तुमने सागर में
ज़वाब तुमसे भोला भगवान मांगेगा
किसे कहोगे माँ नर्मदा फिर तुम
पत्थरों से चीखता अस्तित्व बेज़ान मांगेगा-
तुम काशी विश्वनाथ की गंगा के घाट से,
मैं महेश्वर की नर्मदा का किनारा हूँ !!
तुम ठहरे शौख, चंचल, निर्मल से
मैं अपने में ही मस्त-मगन जलधारा हूँ!!-
नर्मदा की कृपा
घनाक्षरी छंद
******************
मामूली से आदमी थे,ये हमारे सामने ही,
आज चारो ओर फिरे ,नाम की दुहाई है ।
नर्मदा की सेवा भक्ति भाव से मिला है सब,
नर्मदा माँ इन्हें हर तरह सहाई है ।
ऋद्धि सिद्धि समृध्दि और भारी प्रसिद्धि,
ममता के साथ पूरी, माँ ने पहुँचाई है।
कहाँ तक नर्मदा की कृपा का बखान करें,
डेढ़ दो करोड़ की तो,रेत सपलाई है ।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश-
संगमरमर सा हुस्न देख बेकरार हो जाऊं
नर्मदा सा छुऊं तुम्हे और आबाद हो जाऊं 😍
-