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जिजीविषा
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सबसे अधिक जिजीविषा
अतीत में होती है
वो मरते-मरते भी
बार-बार उठ खड़ा होता है,
और पछाड़ देता है
बड़े से बड़े योद्धा को।
इसकी हिम्मत तोड़ने का
बस एक ही अस्त्र है,
वर्तमान को
कस के गले से लगाना।-
खत्म कुछ भी होता नहीं यहां जब,
तो क्यों खत्म है करना खुद को !!
जिंदगी है समुन्द्र में अगर,
तो क्या नहीं जिंदगी मरुस्थल में !!
परिवर्तित होता है सबकुछ यहां जब,
तो क्या लोग नहीं परिवर्तित होंगे !!
परिवर्तन ही तो करना है खुद में तुझको,
जैसे समुन्द्र हो जाता परिवर्तित,किसी मरुस्थल में !!
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वो उनके मूड सविंग्स थे ,समझ जाता तो शायद आज बात कुछ और होती,
पर बात इतनी सी है कि उस वक़्त ये समझ जाता इतना समझदार नही था मैं।
वादा तो किया था मैंने भी कि खुश रखूंगा हमेशा उसे,
पर सिर्फ खुशियां ही मिले जिस बाजार में,
वक़्त ने बताया वो बाजार नही था मैं।
बेशक रोई होगी वो दूर जाकर मुझसे,
पर सच ये है कि उस रोज गुनाहगार नही था मैं।
एक दिन पहले तक तो सब कुछ ठीक ही चल रहा था,
फिर अचानक उसे लगा कि उसका प्यार नही था मैं।
बोला उसने कि पूछो जो पूछना है तुम्हे इस बारे में
पर इतना तो समझ आ ही गया था कि अब उससे कुछ पूछने का हक़दार नही था मैं।
चलो मान लेते है कि जो हुआ अच्छा हुआ अतीत में,
पर सच मे उस चीज के लिए कभी तैयार नही था मैं।
खैर कुछ अच्छा ही सोचा होगा उसने जाने से पहले,
आखिर पूरा किस्सा था सिर्फ कोई किरदार नही था मैं।।
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प्यार में धोखा बात पुरानी
ग़म काहे को करता प्यारे
नदी, धरा और ऊँचे पर्वत
सब के सब ही ग़म के मारे
बरखा, बारिश, ओस की बूंदें
नम आँखों के यही नज़ारे
हुस्न यार का झूठी बातें
देख जरा तू चाँद सितारे
क्षमा, त्याग ही असली पूँजी
रूह तेरी भी यही पुकारे
नफ़रत, गुस्सा और मायूसी
छोड़ के इनको बढ़ता जा रे!-
बहुत खयाल रखती थी मेरा, वो सितमगर
तभी तो रुख इल्जामों का,अपनी तरफ मोड़ गयी वो।
मेरी तो सिर्फ सूरत,उसकी तो सीरत भी प्यारी थी
यूँ ही नही सबके आंखों का कफन ओढ़ गयी वो।
ना हो बेईमानी किसी गैर के साथ,मौका मिले सबको
ये कह कर उस रोज रिश्ता तोड़ गयी वो।
कुछ इस तरह से टूटते दिलों को जोड़ गयी वो
मेरे छोड़ने से पहले ही मुझको छोड़ गई वो।।
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नीला रंग मैं तुझसे लेता हूँ
चल आज तुझे कुछ देता हूँ।
है सत्य यही,हां बात वही
सुन, आजाद तुझे कर देता हूँ।
नीले रंग का वो अश्रु समंदर
अपने अंदर भर लेता हूं।
पर बदले में एक नीला गगन
उड़ने को तुझको देता हूँ।
नीला रंग मैं तुझसे लेता हूँ
ले आज तुझे ये देता हूँ।।
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