खुबसूरत शरीर नही दिल होना चाहिए वरना
मोर को देख कर कौन बोल सकता है की यह सांप खाता है ...!-
देखो ना...
वो नारंगी तितलियाँ..
मुझसे रंग मांग
रही हैं।
और वो सुंदर
पंखों वाला..
मोर..
मुझसे खूबसूरती की
गुजारिश कर रहा हैं!
क्या तुम्हारे प्रेम की सादगी ने मुझे
इतना खूबसूरत बना दिया हैं..?-
मैं छोड़ आई हु खुद को एक ऐसे मोर पर
जहाँ तू रुक गया मेरे साथ चलते-चलते किसी मोर पर-
"वो अफ़साना जिसे अंजाम तक ले जाना ना हो मुमकिन उसे एक खूबसूरत मोड़ देकर छोर देना ही अच्छा"
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छन्द पकैया छन्द पकैया,
छत ते बेठा मोर!
छन्द पकैया छन्द पकैया,
पूरे पिंड विच शोर!-
जंगल में मोर नाचा,
किसने देखा!
पकड़ा गया तो चोर,
नहीं तो साधु,
किसने देखा!-
कई बार टुटें हैं ख्वाब़ मेरे भी
पर हर बार तिनका - तिनका
चुनकर बिखरी
जिंदगी को सँवारी है मैने।
टुटे ख्वाबों की ईंट के
टूकडो़ं को जोड़कर
बनाया है हमेशा ही
आशियाना मैने।
अकेले चल पड़ती हूँ जहाँ भी
ये जिंदगी की जिम्मेदारियाँ ले जाती है
हमेशा अनजाने पथ कों ही
अपना हमसफ़र बनाया है मैने।
चलते रहना ही तो जिंदगी है यारों
रूक जाना नही किसी भी मोड़ पर
बस यही तो सीखा है मैने।-
Mann mera mor ho
फकीरी swaar ho...
चलती jaau bss naa
आर ho na पार ho...
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