शायद मरे नही,पर सो गए,
मेरे भूलने की वजह से कई राज खो गए।
किसी दिन अचम्भित जाग ना जाये,
ख़ौफ़ तो इसी का है जनाब,कहि जल के राख न हो जाये।
मुझे सुनाने वाले जरा दूर बैठ गए,
शायद उन्हें भी डर था कि छु के खाक न हो जाये।
सोचता हु अब अंतर्द्वंद्व से भरी जंग खुद से की जाए,
किसी दिन फुर्सत से मिला के खुद को खुद से,
दो -दो जाम किया जायें| ❤-
13 APR 2019 AT 23:00
11 DEC 2021 AT 14:40
चलो मान लिया के छोड़कर जाना मजबूरी थी तुम्हारी
और मान लेते है ये भी के कसूर कुछ हमारे भी होंगे
जाना चाहते हो अगर तो फ़िर बेशक़ चले जाओ तुम
पर जो लौटे हो अब के तो यार कुछ उसूल हमारे भी होंगे-
26 JUL 2021 AT 15:45
अब बातो मे पहले जैसी बात नही
मुलाकात की तो खैर कोई आस नही
तुम्हे बताऊं अब बात ऐसी कोई खास नहीं
तुम साथ तोह हो पर तुम्हारा साथ नही-
30 JUN 2020 AT 13:13
कुछ तो राज है इस बदलाव के पीछे
चलो.. अच्छा ही है
कोई तो है जिसने तुम्हें बदल दिया!!-
30 MAR 2022 AT 7:22
••• अब !
न जाने क्यु!!!
समझ के बाहर है वो समझ
जिसे मैने समझा था ! •••-