जिनके कंधों पर थे चमकते सितारे,आज चमक रहे बनके आसमाँ के तारे।
किसी का बेटा,किसी का भाई तो किसी के पति,हमारे लिए तो जान से भी प्यारे हैं हमारे सैनिक सारे।
सरहद पर खड़े देश के जवान भी सोच रहे होंगे,
मर जाते हैं हम जिनके लिए दुश्मनों के हाथों,क्या वह हमारे लिए भी रोते होंगे।
वो खूबसूरत बर्फ की वादियां तब खून में सुनी थी,
सो रहे थे आखिरी नींद वो बेटे
जब मां की गोद ये हिंदुस्तान की जमी बनी थी।
सबने कुर्बान किया कुछ ना कुछ तिरंगे को आंच ना आने दी,
और एक भी गोली हमारे फौजियों ने बर्बाद न जाने दी।
मेरा भी यार शहीद हुआ पर कर्मभूमि की लाज बचानी थी,
लूट रहे थे मां का आंचल, दुश्मनों को औकात बतानी थी।
था मुश्किल बर्फ में पर्वत को चढ़ना,जाकर दुश्मन को खाक किया,
नाजायज़,डरपोक,बुज़दिल दुश्मन से अपने कारगिल को आजाद किया।
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