Hii guys kaise hii aap sab.....
🥱🥱🥱-
तुम मुझ से मेरा पहला सा मैं माँगती रही...और मैं तुझ से आज सा तुम माँगता रहा...
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उसको सोचने में इतनी गुम हूँ मैं
की लाखों आवाज़ें है फिर भी सुन्न हूँ मैं-
खुशबू हवाओं में
ज़िन्दगी में जब कभी, कोई महबूब मिलता है
जीने का जैसे कोई सबब, तब जा के निकलता है
ये जुनून नहीं देखता, क्या कुछ मुश्किलें है राहों में।
दुनिया लगती है हसीं जब, खुशबू होती है हवाओं में।
दिन होते हैं हसीं और रातें निखर सी जाती हैंl
लाख कोशिशों के बाद भी बातें निकल ही आती हैं।
और कभी ज़ाहिर है होता सब आपकी निगाहों में।
दुनिया लगती .....
जब कभी यूं ही बमुश्किल मिलने कि घड़ी जो आती है
होंठ सिल जाते हैं तुम्ही से और तू मुझमें पिघल सी जाती है।
फिर सुकून मिलता है हमको एक दूसरे की बाहों में।
दुनिया लगती .....
फिर यूं ही यह ज़िन्दगी कुछ रेत सी फिसल सी जाती है
हर घड़ी जब तेरी कमी रह रह कर मुझको सताती है।
क्या ही हो जाए गजब जब हम मिल जाए एक ही राहों में।
दुनिया लगती .....-
Sab kuchh chhoda tha meine
apne aapko samjhane ko
Ab sab kuchh bhool gaya
Kuchh bhi na bacha hai batane ko-
तू काव्य है,
मैं अलंकार हूँ.....
तू है समय,
मैं इंतजार हूँ.....
तू है धुन कोई,
मैं कोई राग हूँ.....
तू इश्क है,
मैं इकरार हूँ......-
कभी मैं चाँद की रोशनी सी बिखरी हुई, तो कभी उसी रोशनी से परे किसी कोने का अँधियारा हूँ मैं।
गर समझो तो आकाश हूँ और ना समझो तो उसी का विस्तार हूँ मैं।
कहीं मिल जाऊ तो सूरज की रोशनी हूँ, और ना मिलु तो जूगनु सा प्रकाश हूँ मैं।
अगर छू लो तो पत्थर सी कठोर हूँ वरना बहती हवा हूँ मैं।
साथ चलो तो समय सा रिश्ता हूँ और छूट जाऊ तो फिसलती धुल हूँ मैं।
अगर पा लो तो पूरे जग में हूँ और ना मिलु तो गुमनाम हूँ मैं।-