वस्ल से पहले जो सताती है,
ऐसी फुरकत कहाँ से आती है।
ठीक से याद भी नहीं आता,
आंख आंसू कहाँ से लाती है।
तेरा दीदार मौत के जैसा,
मौत मांगे से कहाँ आती है।
ना परेशां हो, ठीक हूँ मैं भी,
नब्ज़ चलती है, सांस आती है।
तुमको मरने से पहले देखेंगे,
कोई आवाज दिल से आती है।
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