मिलूंगा वहीं पे जहां पे खो गया हूं,
मैं वो इंसां नही रहा मैं खुदा हो गया हूं!
अब तो दुश्मन भी बख्शते हैं इज्ज़त मुझको,
कहूं किसे? करेगा कौन अब यकीं ?
मैं 'आदिम' ही सही था,
मैं 'खुदापन' से परेशां हूं !!-
जैसे नीला शून्य मिलता है वसुध... read more
इससे ज्य़ादा तुझको इज्ज़त क्या बख्शूं ....
मैं बेजुबां मुद्दत से, वाह वाह कह रहा हूं
तेरे 'मिसरे' पे !-
वकालत पढ़ रहा हूं आज कमरे में,
मिरा दिल आज बागी हो रहा है !
फकत तू ही नहीं रोई बिछड़के ,
तिरा आशिक भी शब भर रो रहा है!
वो एक लम्हा कि जिसमें रो पड़ीं तुम,
असर उसका जेहन में, एक अरसा रहा है!
सिखाकर आयतें सारी जमाने को ज़रूरी,
मुरशिद मन्दिरों में बुत - परस्ती कर रहा है!
थाम प्याला ज़हर का हाथ में ,
सुखनवर ज़िंदगी पे हंस रहा है !
मुकम्मल ज़िन्दगी गुजरी अंधेरे में ,
मकबरा आज रौशन हो रहा है !
तिरे चाहने वाले तो कब के मर गए "शिव",
ये वहशी कौन है, दरवाज़े पे दस्तक दे रहा है !
-
मैं जिससे प्रेम करूंगा,उसकी तुलना नहीं करूंगा !
चांद से तो कभी नहीं!
न बनाऊंगा उसे उपमेय, न बनने दूंगा उसे उपमान!
वासना के दलदली किनारों से निकल,
तलाशूंगा प्रेम रूपी पतवार !
मैं बस निहारूंगा उसकी आंखों को... निर्निमेष!
ताकि देख सकूं उसके अंतस की असीम गहराइयों में ,
जहां प्रेम की नौका में सवार ...
बसा होगा ,
मेरा ईश्वर !!-
लाख मशक्कत पे भी पीछा नहीं छोड़ती ,
कम्बख्त़ ज़िंदगी है ... कि बदनुमा दाग है कोई?-
इश्क़ बेहद से कुछ इस कदर बदतर रहा है.....
खुद ही के नाम पर चिट्ठी खुद को लिखता रहा हूं मैं !-
Very Happy birthday to the sweetest girl I have ever met through yq !
May lady luck visit Ur home tonight !!!
Enjoy Ur day dear
God bless u sister 🥀-
चिरागों के शहर में शब - ए - हिज्र ,
हमनें.... अंधेरे में काटी है !
मताए जां, आप जन्नत की बात करती हो?
हमने..... दोज़ख़ में रात काटी है !-