ज़माने भर में वो मशहूर होने लगे
उनका ओहदा नया उनसे अच्छा है ।-
Dil ke tukdo ko sameta ja raha hai
Kitna wiran pada hai dekha ja raha hai
Tujhjko badnam kare ya mashhur
Ispe abhi socha ja raha hai-
जमाने भर में मशहुर...
मेरे प्रेम की कहानी रही...
मैं उसका और वो...
किसी और की दीवानी रही...-
अपनी स्वार्थ से भरी मंज़िल की चाह में
आज अपनों से दूर हो हम भीड़ हो गये।।
खो कर यूं हम अपनों का ही पवित्र प्रेम
मतलबी लोगों में कितने मशहूर हो गये।।
मुझसे आती थी जिनके चेहरे पर हंसी
मेरे रवैये से उनके दिल चकनाचूर हो गये।।
जिनके आशीर्वाद से मिले नये शिखर मुझे
फिर क्यों वो मेरे लिए धरा के धूल हो गये।।
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किसी से भी पूछ लेना "सागर" का नाम
मेरी मोहब्बत के किस्से मशहुर हैं मेरे शहर मे-
Nam bhi h..... 😎
Badnam bhi h... 🥃☠️
Or.. Subse aage Pahchan bhi h.... 🚬💖-
ख्वाहिश नहीं मुझे
मशहूर होने की,"
आप मुझे पहचानते हो
बस इतना ही काफी है।
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मेरा किरदार भले ही कैसा भी हो लेकिन मैं लोगों को मशहूर कर देता हूं,
और चाहता हूं जिसे दिल से उसे अपनी चाहत में मगरूर कर देता हूं;
और बात करूं मैं खेलने की तो अब उम्र नहीं रही खिलौने के साथ खेलने की,
इसलिए तोड़ता हूं दिल और चकनाचूर कर देता हूं...!!-
मेरी जुबान से जो एक बार उसका चर्चा हो गया,
मैं बदनाम हुई,और सारे शहर में उसका नाम हो गया।।-
दो गज़ सही मगर यह मेरी मिल्कियत तो है
ऐ मौत तूने मुझे जमींदार कर दिया
राहत इंदौरी
(1950-2020)-