Mohammad Arif   (WordsOfArif)
1.4k Followers · 956 Following

read more
Joined 6 June 2018


read more
Joined 6 June 2018
14 MAR AT 23:27

अजीब रंग है अपनी मुहब्बत का
जो लगाने से भी चढ़ता नहीं

पता नहीं क्या बात है उसकी
नाम मिटाने से भी मिटता नहीं

जो कभी हमारे दयार में रहें
वो हटाने से भी हटता नहीं

क्या मसला है समझ आता नहीं
यार समझाने से भी समझता नहीं

मुश्किलें बढ़ गई है अब उसकी
आरिफ रुलाने से भी रोता नहीं

-


21 NOV 2024 AT 11:45

चारों तरफ शोर अपना वाला चोर है
अमीरों को देता है गरीबों को लुटता है

ना पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ा
आम लोगों के लिए तेल का दाम बढ़ गया

खोजती है निगाहें उस आदमी को आज भी
जिसने कहा था जब चाहो चौराहे पर बुला लेना

कितनी बेशर्मी से झूठ बोलते है आज भी
मुलाकात हो जाए तो सच पता चल जाए

अभी ना जाने क्या क्या देखने को मिलेंगे
हिन्दू मुस्लिम के अलावा देखने को और क्या मिलेंगे

डर हमेशा बना रहता है दिल में वतन को लेकर
आरिफ ना जाने क्यूं जीना मुश्किल अब लगता है

-


14 JUN 2024 AT 17:19

इस कदर उनसे मोहब्बत हो गई
फिर से वो अपनी जिंदगी बन गई

बहुत रास्ते थे चलने के लिए मगर
एक रास्ते पर चलने से जिदंगी बन गई

मलाल था बहुत वो अपने नहीं होगें
चाहत थी इस कदर की जिंदगी बन गई

घर से निकला था मंजिल के लिए
उसे देखा वो अपनी जिंदगी बन गई

हर बार मैं ही गलत नहीं था आरिफ
उनका भी हाथ था जो जिंदगी बन गई

-


24 MAY 2024 AT 7:44

हाथ से हाथ मिलाईये और हालात को बदलिये
हाथ ही आप हालात बदल सकता है
हाथ से हाथ बढ़ाए मिलकर साथ चले
वक्त की यही पुकार है मिलकर साथ चले

इस सड़ी हुई मानसिक बिमारी से बाहर निकलिये
बदलने का वक्त है अपने हालात बदलिये
फिर मौका नहीं मिलेगा मिलकर साथ चले
वक्त की यही पुकार है मिलकर साथ चले

-


11 MAY 2024 AT 11:04

हालात फिर से बदलते नज़र आ रहें हैं
हमें वो पहले की तरह बीमार नज़र आ रहें हैं

इक वक्त था की सब कुछ उनके पास था
आजकल वो यहाँ वहाँ फकीर नज़र आ रहें हैं

नज़रें नहीं मिलाते किसी से अब पहले की तरह
जहाँ देखों वो बस झूठ बोलते नज़र आ रहें हैं

इतना गुमान है तो काम पर वोट मागों साहेब
लोगों को गलत बातें बताते नज़र आ रहें हैं

अब दिल भर गया है उनकी झूठी बातें सुनकर
आरिफ अपने लोगों को गलत नज़र आ रहें हैं

-


25 FEB 2024 AT 19:55

कभी मेराज, कभी शब-ए-बारात, तो कभी शब-ए-क़द्र,

कितना मेहरबान है हमारा रब , बख़्शिश के हज़ारों वसीले देता है..
🤲

-


17 JAN 2024 AT 0:05

ख्वाबों की ताबीर लिख रहा हूँ
अपने बिगड़े हुए मुकद्दर लिख रहा हूँ

दुशवारियों का सबब बहुत है मगर
मैं तुझे ख्यालें जेरोजजर लिख रहा हूँ

हो सके तो याद हमें भी करना तुम
अपने ख्वाबों में तुझे यार लिख रहा हूँ

दुश्वारिया घेर लिया है मुझे इस कदर
तुझे मैं अपना पुराना प्यार लिख रहा हूँ

तू चाहे तो मिल सकता है मुझसे आरिफ़
क्योंकि मैं तुझे अपना हमसफ़र लिख रहा हू

-


25 AUG 2023 AT 21:44

नफ़रत का बाज़ार जो तुमने सजवाया है
फिर कैसा हालत मुल्क का तुमने बनवाया है

कितना खुबसूरत लगता है देश अपना
देखों लोगों के बीच दीवार तुमने चलवाया है

हालत तुमने कैसी कर दी है देश की देखों जरा
भरी क्लास में बच्चे को बच्चे से तुमने पिटवाया है

उस गरीब बाप के बच्चे को कितना डराया
बाप से क्या सोच के समझौता तुमने करवाया है

हालत अपने देश की देख के अब डर लगता है
आरिफ कितना कुछ गड़बड़ तुमने करवाया है

-


22 AUG 2023 AT 12:56

हमें तो मुहब्बत की एक लौ जलानी है
ताकि नफरत जलकर खाक हो सके

सियासत ने आपस में सबको लड़ा रखा है
हम चाहते हैं की मुहब्बत आम हो सके

-


21 AUG 2023 AT 10:12

तेरा ऐसे रुठ जाना मुझे अच्छा नहीं लगता है
हर बात पर तुझे मनाना मुझे अच्छा नहीं लगता है

कहने को तो बहुत कुछ है हम दोनों में मगर
हर वक़्त देखों जताना मुझे अच्छा नहीं लगता है

-


Fetching Mohammad Arif Quotes