तुमको दुआओं मे मैने माँगा है,
संग तुम्हारे बीते मेरा हर जनम,
ज़िन्दगी की हर सुबह,क्यों ना हो हसीं
जब प्यार से प्यारा हो मेरा सनम।
तुम्हारे लिए किया सोलह श्रृंगार,
मेंहदी, झुमके,बिछिया और हार,
शिव पार्वती के संगम का त्योहार,
त्याग,समर्पण,सौन्दर्य शक्ति का सार,
कुछ खाए बिना भी चेहरा खिल जाए,
जब तीज के बहाने दो दिल मिल जाए।
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