मांझी है तू,साहिल तक पहुंचाना
तेरा काम है
साक़ी मयखानों में बेचारा यूं ही
बदनाम है।-
गर मांझी बनने का शौक ना होता तो खुद से ना लडती मैं.. बीच सफर में यूं उम्मीदों का साथ ना छोडती मै✍️
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मत डरा करिये जिन्दगी के छोटे छोटे तूफानों से
यहीं तूफान अपने पराए की पहचान कराया करते हैं
शांत समुद्र में तो हर कोई कश्ती चला लेता है
अच्छे मांझी वही होतें है जो तूफानों में कश्ती पार लगाया करते है-
Mohabbat krna hai to manjhi wali karo jo ishq mai pahad kaat deta hai
N ki Shahajahan wali jo Tazmahal banane walo ke hath kat deta hai-
मांझी बनने की चाहत ने अल्फाजों की कश्ती चलाई है
चिंगारी जो जज्बातों की भडकी है उसी ने यही राह दिखलाई है ।-
मांझी - एक प्रेम पुजारी
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प्रेम की कोई मोल ना होती
जो होता है वो दिल का नाता है
कौन दीवाना कहता है कि
ताज देख दिल भर आता है
देख मुशाफिर मांझी को
जो पर्वत को भी झुकता है
ले हथौड़ी छ्हेनि वो
प्रेम की गाथा लिख आता है
ना गुरुर ना नवाबी उसमें
ना शाहजहाँ सा रौब दिखाता है
है ग़रीबी से दबा पड़ा
फिर भी मोहब्ब़त की गीत गाता है
ले अपनी फल्गुनिया का नाम
वो हर अश्क़ को पी जाता है
यादो में बस उसकी ये तो
पर्वत को कदमों में ले आता है
है पुजारी प्रेम का
ये नफ़रत कभी ना दिखाता है
चाहता है बस एक को
उसी पड़ जान लुटाता है
बस जपते जपते नाम ये उसका
इत्तिहास को लिख जाता है
ले हथौड़ी छ्हेनि वो
प्रेम का पाठ पढ़ाता है-
यूं तन्हा शख्स से पहाड़ कटवा के मुहब्बत ने,
मांझी से इक चराग़ को सूरज बना दिया!!
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कहते है मेहनत के आगे हर दरिया सूख जाता है
उगता सूरज भी उसे सिर झुका जाता है
पर कभी कभी मेहनत भी हार का दामन थामे
कुछ इस कदर नज़रे चुराती है
जैसे दौड़ती सूरज की किरणें,
हाँफते मांझी को अंधकार में कही पीछे छोड़ आती है।-