ज़िन्दगी की किताब में, यादों की कलम छूट गयी थी आज मिल गयी मगर, वो पन्ना भी खुल गया जहाँ, मेने तुम्हें लिखा था। उस कलम से अधूरे, 'हम' को फिर लिखना चाहा, पर मुझे 'तुम' मिले ही नहीं, और आज जब 'तुम' मिले तो, मेरी कलम टूट गयी।
सुकून मिलता है जब कोई फ़िक्र करता है गैरों की भीड़ में कोई अपना सा लगता है जब कोई आपको खुद से ज्यादा अहमियत दे जब आप किसी की मुस्कान की वजह बन जाओ तो सच में सुकून मिलता है।
खो कर मैने, हैं पाया तुझको.. खुद तनहा हो कर, संभाला है तूने मुझको.. मत खोजा कर, इन सुनसान गलियो मे मुझे... क्युकी, तेरे प्यार की प्यास ने, फिरसे तेरी तरफ खिचा हैं मुझे....