~ आज फिर भटका फिर रहा है मुसाफ़िर , तेरे शहर में , बता अब किस दहलीज़ पर , दिल ले कर आना है ||| -
~ आज फिर भटका फिर रहा है मुसाफ़िर , तेरे शहर में , बता अब किस दहलीज़ पर , दिल ले कर आना है |||
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~ हज़ारों दिल लिए फिरते हैं , हमसे इश्क़ लड़ाने को , पर दिल करता है माही , तुम पर ठहर जाने को ।।। -
~ हज़ारों दिल लिए फिरते हैं , हमसे इश्क़ लड़ाने को , पर दिल करता है माही , तुम पर ठहर जाने को ।।।
~ वाह एन एस , क्या हुनर है आपका , आप तो मोहब्बत भी , शर्तों पर करते हो ।।। -
~ वाह एन एस , क्या हुनर है आपका , आप तो मोहब्बत भी , शर्तों पर करते हो ।।।
~ तेरे जाने के बाद हमें ये अधूरापन हासिल हुआ है , वरना खुश तो हम भी बहुत रहा करते थे ।।। -
~ तेरे जाने के बाद हमें ये अधूरापन हासिल हुआ है , वरना खुश तो हम भी बहुत रहा करते थे ।।।
~ तुम पागल हो पागल एन एस , पागलों का ऐतबार नहीं करते , वो समझदार लोग है साहब , पागलों से प्यार नहीं करते ।।। -
~ तुम पागल हो पागल एन एस , पागलों का ऐतबार नहीं करते , वो समझदार लोग है साहब , पागलों से प्यार नहीं करते ।।।
~ तुम पराई हो , फिर भी तुम्हें अपना सा कहता है , ये मेरा मन ।।। -
~ तुम पराई हो , फिर भी तुम्हें अपना सा कहता है , ये मेरा मन ।।।
~ रो लो जितना रोना है , वो कल चला जाएगा , जिससे करते हो मोहब्बत एन एस , वो कल किसी ओर का हो जाएगा ।।। -
~ रो लो जितना रोना है , वो कल चला जाएगा , जिससे करते हो मोहब्बत एन एस , वो कल किसी ओर का हो जाएगा ।।।
~ क्यूँ तुम जानते नहीं हो , मेरी आँखों में है जो मोहब्बत , उसे पहचानते नहीं हो , मैं मर जाऊँगी एन एस तुम्हारे बिना , ये सच है , क्यूँ तुम मानते नहीं हो , क्यूँ तुम मानते नहीं हो ।।। -
~ क्यूँ तुम जानते नहीं हो , मेरी आँखों में है जो मोहब्बत , उसे पहचानते नहीं हो , मैं मर जाऊँगी एन एस तुम्हारे बिना , ये सच है , क्यूँ तुम मानते नहीं हो , क्यूँ तुम मानते नहीं हो ।।।
~ अब सवाल उठने लगे हैं , तुम शायरी में दर्द कहाँ से लाते हो , कौन सा है वो नाम एन एस , जिसको दुनिया से छुपाते हो ।।। -
~ अब सवाल उठने लगे हैं , तुम शायरी में दर्द कहाँ से लाते हो , कौन सा है वो नाम एन एस , जिसको दुनिया से छुपाते हो ।।।