ज़िन्दगी की किताब में,
यादों की कलम छूट गयी थी
आज मिल गयी मगर,
वो पन्ना भी खुल गया जहाँ,
मेने तुम्हें लिखा था।
उस कलम से अधूरे,
'हम' को फिर लिखना चाहा,
पर मुझे 'तुम' मिले ही नहीं,
और आज जब 'तुम' मिले तो,
मेरी कलम टूट गयी।
-
@rie ncert
A teacher by heart❤️
In a process of learning....
Inking the reali... read more
औपचारिकताएं न हों,
झूठी सांत्वनाएं न हों,
छुरी की नोक पर
मुस्कुराहटें न हो,
तारीफों से बने
कच्चे मकान न हों,
साल के एक दिन के
रिश्ते न हों।-
कैद कौन कर पाया पवन को,
जो चली मैं कैद करने
सोचती थी पवन ने,
बात उससे की तो होगी।
करती विनती हूँ नित तेरी
ओ ठंडी पवन गंगा घाट की,
जब आये उतरती उत्तर से नीचे
कर आना दीदार
जो बैठा है प्रतीक्षा में मेरी
बरस भर से ओ पवन!-
अपने सारे कर्तव्यों को
पूर्ण करने के बाद भी,
हर एक बाल की सफ़ेदीयत के बाद भी
रोटियों का कर्तव्य कब पूर्ण होगा?-
I am your Selvas,
Be my equator
I am your volcano,
Be my crater.
Our love is a nimbus cloud
Our expression is the heavy rain
Be my mountain
and I'll be your Peniplains.-
आज भी तुम्हे देखकर
मेरी हृदय गति,
इतनी तीव्र क्यों हो जाती है?
तुम तो मेरी किताब के
वो भूले बिसरे पन्ने हो न
जिन्हें मैंने ही,
वक्त की हवाओं में उड़ा दिया था।
या तुमने अपनी स्वर गुंजा में
कहीं छिपा लिया था।
किंतु आज भी जब तुम्हारा
नाम कहीं सुनती हूँ,
किसी पुस्तक में, किसी भजन में
किसी गीत के बोल में,
किसी की आराधना में
तब तुम्हारी यादें पुनः मेरे हृदय में
जीवंत क्यों हो जाती है।
मानो जैसे तुम कहीं गए ही नहीं।
क्या सच में?
तुम कहीं गए ही नहीं!-
वे बड़े लोग थे,
उनके पास दिमाग था,
उस दिमाग मे घमंड था,
और उस घमंड से
दो ज़िंदगियां देखी नहीं गयी।-
मेरी पलकों के किवाड़ बन्द हो गये
मेरी आँखों ने संजो ली
तेरी वो आखरी झलक
जो अब शायद
किसी ओर के आंगन की शोभा बनेंगी।-
तुम बिल्कुल
आसमान की तरह हो
विशाल भी
छाया भी
मिसाल भी
माया भी
किंतु अपनी इस
शुष्क पड़ी पृथ्वी से
दूर, बहुत दूर।-
मेरे प्रेम की नभ कीर्ति में तेरा यूँ डूब जाना,
शायद किसी प्रारब्ध का सौभाग्य होगा।
मेरे शहर की पगडंडियाँ कुछ कह रही थी,
शायद तेरे आने का यह नाद होगा।
शुष्क धराशाही पर्णो की फड़फड़ाहट,
तेरे बिछड़े तलवों का विषाद होगा।
झूमती मदमस्त तेरे प्रेम में मैं,
तुझ पर किये विश्वास का प्रमाद होगा।-