मैं आईना ना बन जाऊं तो कहना ,
कभी आंखों से आंखें मिला कर तो देखो,
मैं मंजिल ना बन जाऊं तो कहना ,
कभी मेरी तरफ कदम बड़ा कर तो देखो,
मैं गजरे का गुलाब ना बन जाऊं तो कहना,
कभी बालों को दिल से सजा कर तो देखो,
मैं तेरी खुशियों की बजह ना बन जाऊं तो कहना ,
कभी शर्माके मुस्करा कर तो देखो,
मैं तेरे प्याले का ज़ाम ना बन जाऊं तो कहना,
कभी होठों से लगा कर तो देखो,
मैं तेरे लबों की शायरी ना बन जाऊं तो कहना ,
कभी मुझे गुनगुनाकर तो देखो,
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