ऐ जिन्दगी तु मुझसे ख़फ़ा क्यूं है ।
मेरी हो के भी मुझसे जुदा क्यूं है ।।-
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आसन नही है सब कुछ समेटकर समुद्र हो जाना
बह... read more
तु यमुना सा हो जा , मैं गंगा हो जाऊं ।।
कर के तुझे खुद को समर्पित, मैं संगम हो जाऊं ।।-
तर्कों के तारों मे उलझा ,
जिंदगी का व्याकरण ,व्याख्याऐं नही सारांश चाहता है-
चेहरे से पोंछ डाला,
मगर दिल से मिटा न सका💔
उसकी यादों की धूल को,
आँखोँ से हटा न सका🖤
ज़िद्दी मैं था,
तो वो भी ठहरा😩
मैंने बुलाया नहीं,
और वो भी आ न सका😔
उसके दिए ज़ख्म ही,
हाँसिल-ए-इश्क़ है अब💔
ज़र्राह से दोस्ती रक्खी,
मरहम कभी लगा न सका🔥
बसते-बसते बस जाती हैं,
वीरानों में भी बस्तियां आजकल
बिन तेरे,फ़क़त एक दिल न बसा सका मै💔💔-
पास ना भी हो तो दूरी ना लगे
मुझे कोई एक ऐसा यार चाहिए🙂,
तनहाई में भी जो साथ रह सके
मुझे कोई एक ऐसा साथ चाहिए🤞❣️,
जो तरबियत दे सके मेरी आंखों को
मुझे कोई एक ऐसा एहसास चाहिए😍,
हो जाऊं अगर मैं खुद से भी जुदा
मेरे हाथों में बस तेरा हाथ चाहिए ☺️,
सो जाऊं अगर श्मशान में भी
मेरे दिल से निकलनी तेरी ही आवाज चाहिए 😌,
हो मेरी आंखों में पानी या दिल में खामोशी
मेरी मुस्कान के लिए तरसने वाला अहबाब चाहिए ,
पास ना भी हो तो दूरी ना लगे
मुझे कोई एक ऐसा यार चाहिए🥀🙂!!-
मत जलाओ मुझे इतना कि मै राख हो जाऊॕ,,,
इन फिजाओ से मिलकर बरबाद हो जाऊॕ-
मैं खुद को भी आईने में नही देखता...
सोचो अब मैं खुद से कितनी नफरत करता होऊँगा...
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