नसीब लिखने का हक अगर
हर इंसान के हाथ में होता.....
तो इन हाथो में लिखा एक नाम
हर इंसान के हमसफ़र का भी होता।
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कौन कहता है कि प्यार मोहब्बत खेल है।।
इस जग में तो प्यार मोहब्बत तक ही मेल है।-
तेरी यादें
मुझमें यूँ बिखरी हैं
जैसे प्रकृति में हवा
मैं....
अक्सर ही
किसी एक याद को
तितली सा हौले से
पकड़ लेती हूँ ....
कुछ देर ठहरकर उड़ जाती है हाथ छुड़ाकर
आसमाँ में ...
बिल्कुल तेरी फितरत की तरह
लेकिन...
छोड़ जाती है मेरी उंगली पर
तेरे कुछ रंग
तब मैं
मन के कागज पर
उंगली छाप कर लिख देती हूँ
रंगबिरंगी कोई कविता कोई गज़ल
हर रात...
फिर सैकड़ों बार पढ़ कर
मसूसस करती हूँ तुझे
और महकती रहती हूँ
दिन भर....।-
हम तरसते रहे तुम्हारा प्यार पाने को,
बेवफा बनकर तुम तो मशहूर हो गए..!!-
सच्चे प्यार की तड़प तुम्हें क्या पता,
तू ने तो कभी सच्चा प्यार किया ही नहीं..!!
हर किसी का दिल तोड़ा हैं तू ने,
किसी के साथ दिल से रिश्ता जोड़ा ही नहीं..!!-
इत्र की तमाम शीशिया खरीद डालीं,
वो तेरी सांसों कि महक कहीँ नहीं मिली..!!!
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जबसे निगाह तुमसे मिली है जाना,
बरसाते सारी हसीन लगने लगीं है...!!!-
Hum se pehle bhi aur hamare baad bhi pyaar kiya,
acha yeh batao is saal kitne ka karobaar kiya;
jab the itne gulaab tumare bagiche me,
Fir tumne kyu is registaan ka aitbaar kiya ;
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हर फैसले दिल से लिए जाए ये जरूरी नहीं,
होते है कुछ मसले जिन पर दिल का बस नहीं चलता..!!
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वैसे तो सबसे बातें करना
मुझे अच्छा लगता है
मगर सुकून,
तुमसे बातें करके ही मिलता है-